लद्दाख: 17 दिन पहले पिता बने थे शहीद केके ओझा, नहीं देख पाए बेटी का मुंह
लद्दाख की गलवान वैली में चीनी सेना के साथ सोमवार रात को हुई हिंसक झड़प में भारत के एक सैन्य अधिकारी समेत 20 जवान शहीद हो गए। देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर देने वालों में एक सिपाई कुंदन कुमार ओझा भी शामिल हैं। झारखंड के रहने वाले 26 वर्षीय ओझा महज 17 दिन पहले ही पिता बने थे। वो अपनी बेटी को एक बार भी नहीं देख पाए। आइये, उनकी कहानी जानते हैं।
खेती करते हैं शहीद ओझा के पिता
शहीद सिपाही ओझा झारखंड के साहिबगंज के दिहारी गांव के रहने वाले थे। उनके पिता रविशंकर ओझा किसान हैं और खेतीबाड़ी करते हैं। उनके दो भाई मुकेश और कन्हैया धनबाद और गुडा में प्राइवेट कंपनियों में नौकरी करते हैं। मंगलवार दोपहर लगभग तीन बजे उनके परिवार को सेना की तरफ से फोन कर ओझा की शहादत की जानकारी दी गई। यह सुनते ही उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वहां मौजूद हर कोई मातम में डूब गया।
15 दिन पहले की थी परिवार से बात
ओझा की पत्नी नेहा ने 17 दिन पहले ही बच्ची को जन्म दिया था। उसके दो दिन ओझा ने अपने घर पर बात की थी। वो जल्द ही छुट्टी लेकर बच्ची को देखने अपने घर आने वाले थे, लेकिन चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बढ़ते तनाव के कारण वो ऐसा नहीं कर सके। ओझा अंतिम बार पांच अपने घर पांच महीने पहले आए थे। उन्होंने 15 दिन पहले अपने परिवार के साथ आखिरी बार बातचीत की थी।
राजकीय सम्मान के साथ होगा ओझा का अंतिम संस्कार
ओझा के जिले साहिबगंज के DC वरुण रंजन ने कहा कि उनके परिवार को सेना की तरफ से शहादत की जानकारी दी गई है। उन्होंने प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को ओझा के परिवार से मिलने भेजा था। रंजन ने बताया कि ओझा का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी ट्वीट कर ओझा को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने लिखा कि दुख की घड़ी में पूरा राज्य उनके परिवार के साथ है।
भारत-चीन सीमा पर चल रहा विवाद
भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से ज्यादा समय से सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। इसे सुलझाने के लिए कई बैठकें हो चुकी हैं। 6 जून को दोनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक बार फिर बैठक की, जिसमें सैनिकों के पीछे हटने पर सहमति बनी। जब भारत को लग रहा था कि चीनी सैनिक पीछे हट रहे हैं, तभी उन्होंने भारतीय सैनिकों को घेरकर डंडों और पत्थरों से हमला कर दिया।
कर्नल समेत 20 जवान शहीद, कई घायल
चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प के बाद बयान जारी करते हुए भारतीय सेना ने जानकारी दी कि तेलंगाना के रहने वाले कर्नल बी संतोष बाबू, तमिलनाडु के रहने वाले हवलदार पलानी और झारखंड के सिपाही ओझा शहीद हुए हैं। देर रात सेना ने एक और बयान जारी कर बताया कि झड़प में गंभीर रूप से घायल हुए 17 और जवानों ने दम तोड़ दिया है, जिसके बाद शहीदों की संख्या बढ़कर 20 हो गई।