महाराष्ट्र: MSRTC कर्मचारी के आत्महत्या करने के बाद सरकार ने दिया वेतन देने का आश्वासन
महाराष्ट्र सरकार की हठधर्मिता ने सोमवार को महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के एक कर्मचारियों को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया। MSRTC के कर्मचारी कई दिनों से बकाया वेतन देने की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही थी। इसके चलते कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने दीवाली से पहले कर्मचारियों को तीन महीने का वेतन देने की घोषणा कर दी।
MSRTC कर्मचारियों को तीन महीने से नहीं मिल रहा वेतन
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार कोरोना महामारी के कारण बिगड़ी अर्थव्यवस्था के चलते MSRTC ने पिछले तीन महीनों से कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया था। इससे कर्मचारियों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा था। कर्मचारी कई दिनों से वेतन की मांग कर रहे थे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस पर सोमवार को परिचालक मनोज अनिल चौधरी (30) ने आत्महत्या कर ली। उसने अपनी मौत के लिए ठाकरे सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
कर्ज के चलते मनोज ने की आत्हत्या- पिता
मृतक के पिता अनिल चौधरी ने कहा कि उनका बेटा MSRTC के लिए काम करता था और जलगांव डिपो में तैनात था। वह कर्ज से जूझ रहा था और अनियमित और कम वेतन पाता था। इसके चलते उसने आत्महत्या कर ली। इसी तरह उसके भाई ने कहा कि मनोज को पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं मिल रहा था। उसने आत्महत्या से पहले अपनी परेशानी के लिए ठाकरे सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। उनके परिवार में वही कमाने वाला था।
कर्मचारियों को नहीं उठाना चाहिए आत्महत्या जैसा कदम- परिवहन मंत्री
कर्मचारी के आत्महत्या करने के बाद परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा, "उन्हें निराश होकर और आत्महत्या जैसा कठोर कदम नहीं उठाना चाहिए था। वर्तमान में सरकार की आर्थिक हालत सही नहीं है, लेकिन फिर भी वह कोई रास्ता निकालेंगे।" उन्होंने आगे कहा कि वह दीवाली से पहले MSRTC कर्मचारियों को एक महीने का वेतन भुगतान कराएंगे और पिछले दो महीने के बकाया वेतन का भुगतान कराने का प्रयास करेंगे।
MSRTC ने सरकार से मांगा था 3,600 करोड़ रुपये का बजट
बता दें कि गत 30 अक्टूबर को MSRTC ने वेतन और अन्य आवश्यक खर्चों के लिए 3,600 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा था, लेकिन सरकार ने भुगतान नहीं किया। कर्मचारियों के वेतन के लिए MSRTC पर प्रतिमाह करीब 292 करोड़ रुपये का खर्च आता है। परिवहन मंत्री ने कहा कि MSRTC का घाटा बढ़कर 5,500 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, लेकिन वह बाहरी निगमों की मदद से बजट जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।
यूनियनों ने किया राज्यव्यापी आंदोलन का आह्वान
इधर, MSRTC की कर्मचारी यूनियनों ने तीन महीने के वेतन के भुगतान की अपनी मांग को लेकर सोमवार से राज्यव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है। सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए कर्मचारियों ने परिवार सहित घर पर सांकेतिक भूख हड़ताल का निर्णय किया है।