उत्तर प्रदेश विधानसभा के सामने महिला ने खुद को लगाई आग, हालत गंभीर

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को विधानसभा भवन के सामने एक विवाहित महिला ने खुद पर केरोसिन उड़ेलकर आग लगा ली। महिला को जलते हुए देखकर लोग सकते में आ गए। इस दौरान मौके पर पुलिस पहुंची ने स्थानीय लोगों की मदद से आग बुझाकर महिला को बचाया। हालांकि, आग बुझाए जाने तक वह 50 प्रतिशत तक झुलस चुकी थी। बाद में पुलिस ने उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत गंभीर है।
आजतक के अनुसार पुलिस उपायुक्त (DCP) सोमेन वर्मा ने बताया कि खुद को आग लगाने वाली महिला की उम्र करीब 35 साल है। वह सुबह करीब 11:30 बजे विधानसभा के गेट नंबर दो के आगे पहुंची थी। कुछ देर इंतजार करने के बाद उसने अचानक खुद पर केरोसिन उड़ेलकर आग लगा ली। उस दौरान मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने अन्य लोगों की मदद से आग बुझाई और महिला को झुलसी हुई हालत में अस्पताल पहुंचाया।
DCP वर्मा ने बताया कि महिला ने महाराजगंज जिला निवासी अखिलेश तिवारी से विवाह किया था, लेकिन वह शादी ज्यादा दिन नहीं चल सकी। घरेलू विवाद के कारण दोनों में तलाक हो गया था। उसके बाद महिला ने धर्म बदलकर आसिफ नाम के युवक से निकाह कर लिया था। शादी के बाद उसने अपना नाम भी बदल लिया था। शादी के कुछ समय बाद ही उसका पति आसिफ नौकरी के लिए सउदी अरब चला गया था।
DCP वर्मा ने बताया महिला ने अपने ससुराल वालों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उसने कहा है कि शादी के बाद जब उसका पति सउदी अरब चला गया तो ससुराल वालों ने उसे जमकर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। इसके बाद उसने महाराजगंज पुलिस थाने में भी शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने मदद नहीं की। ऐसे में वह मुख्यमंत्री से मिलना चाहती थी, लेकिन सफलता नहीं मिलने पर खुद का आग लगा ली।
DCP वर्मा के मुताबिक महिला के आरोपों के बाद मामले की जांच की जा रही है। पुलिस महिला के ससुराल पक्ष से भी पूछताछ करेगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह महाराजगंज थाने में महिला की शिकायत को लेकर भी जांच की जाएगी।
बता दें कि विधानसभा के सामने आग लगाने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले अमेठी निवासी एक मां-बेटी ने भी पड़ोसी से नाली को लेकर हुए विवाद के बाद पुलिस और प्रशासन की मदद नहीं मिलने पर विधानसभा के सामने पहुंचकर आग लगा ली थी। उस घटना में दोनों की मौत हो गई थी। उसके बाद पुलिस और प्रशासन की कड़ी आलोचना हुई थी। जिसके बाद सरकार ने दोषी पुलिस और प्रशानिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की थी।
महिला के आग लगाने की यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस को हाथरस मामले में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। हाथरस में एक दलित युवती से गैंगरेप की घटना के बाद उसकी मौत हो गई थी।