भारत का चीन को स्पष्ट संदेश- LAC पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की कोशिश न करे
क्या है खबर?
भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरूवार को बयान जारी करते हुए चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर यथास्थिति में एकतरफा कोई बदलाव न करने का स्पष्ट संदेश दिया।
मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच के इस विवाद में आगे का रास्ता बातचीत के जरिए ही निकलेगा और किसी को भी जमीनी स्थिति में एकतरफा बदलाव करने से बचना चाहिए।
अपने बयान में मंत्रालय ने डिसइंगेजमेंट (दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने) को एक जटिल प्रक्रिया बताया।
बयान
तनाव की सभी जगहों पर सेनाएं पीछे हटाना जरूरी- विदेश मंत्रालय
गुरूवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में LAC पर भारत-चीन के विवाद पर विदेश मंत्रालय ने कहा, "आगे का रास्ता एकतरफा यथास्थिति बदलने की कोई भी कोशिश करने से बचने और साथ ही तनाव की सभी जगहों पर सेनाएं पीछे हटाने और सीमावर्ती इलाकों में पू्र्ण शांति की स्थापना के लिए दोनों देशों के बीच चर्चा जारी रखने से निकलेगा।"
डिसइंगेजमेंट पर मंत्रालय ने कहा कि इसके लिए दोनों पक्षों को अपने सैनिकों की वापस नियमित पोस्टों पर तैनाती करनी होगी।
अन्य बयान
सैन्य कमांडरों की बातचीत के बात जारी बयान में भी कही गई थी यही बात
बता दें कि इससे पहले सोमवार को दोनों देशों के सैन्य कमांडरों की बैठक के बाद जारी किए गए साझा बयान में भी जमीनी स्थिति में एकतरफा बदलाव करने और ऐसी कोई भी कार्रवाई करने से बचने की बात कही गई थी जिससे स्थिति और जटिल हो।
इस बात पर जोर इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि चीन दोगलापन दिखाते हुए एक तरफ बात करता है और दूसरी तरफ भड़काऊ कार्रवाई करता है।
वादाखिलाफी
कई बार वादाखिलाफी कर चुका है चीन
अप्रैल-मई में शुरू हुए इन तनाव के बीच चीन कई बाद वादाखिलाफी कर चुका है। उसने सैन्य कमांडरों के बनी सहमति के बावजूद गलवान घाटी में पीछे हटने से मना कर दिया था और इसी के बाद 15 जून की घटना हुई थी जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे।
इसके अलावा उसने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री के बीच बनी सहमति के मुताबिक पैंगोंग झील और गोगरा में अपने सैनिक भी पीछे नहीं हटाए।
तनाव
LAC पर चार जगहों पर आमने-सामने हैं दोनों देशों के सैनिक
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच अप्रैल से LAC पर तनाव बना हुआ है और अभी चार जगहों पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं। इनमें देपसांग, गोगरा, पैंगोंग झील का फिंगर्स एरिया और चुशूल सब-सेक्टर शामिल हैं। पहली तीन जगहों पर तो चीनी सैनिक भारत की जमीन पर बैठे हुए हैं।
फिंगर्स एरिया और चुशूल में स्थिति सबसे अधिक नाजुक है और यहां कहीं-कहीं दोनों देशों के सैनिकों के बीच मात्र 300-500 मीटर का फासला है।
बातचीत
तनाव कम करने के लिए बनी है पांच सूत्रीय फॉर्मूले पर सहमति
दोनों पक्षों में तनाव कम करने के लिए बातचीत भी जारी है और दोनों देशों के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री मॉस्को में बैठक कर चुके हैं।
10 सितंबर को हुई विदेश मंत्रियों की बैठक में दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए पांच सूत्रीय फॉर्मूले पर सहमति बनी औऱ इसी फॉर्मूले के आधार पर सोमवार को सैन्य कमांडरों के बीच बैठक हुई।
इस बैठक में दोनों देश LAC पर और सैनिक भेजना बंद करने पर सहमत हुए।