दिल्ली: डॉक्टर के घर से ब्लैक फंगस की नकली दवा की लगभग 3,300 शीशियां बरामद

दिल्ली पुलिस ने ब्लैक फंगस की नकली दवा बेचने के आरोप में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों में एक डॉक्टर भी शामिल है। पुलिस ने डॉक्टर के घर से नकली इंजेक्शन की 3,293 शीशियां भी बरामद की हैं। ये लोग लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन-B नामक इंजेक्शन बना और बेच रहे थे जिनका ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। डॉक्टर ने एक्सपायर हो चुकी दवाओं की मदद से इंजेक्शन बनाने की बात कबूली है।
क्राइम ब्रांच की डिप्टी पुलिस कमिश्नर (DCP) मोनिका भारद्वाज ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने मामले में उत्तर प्रदेश के देवरिया के डॉ अल्तमस हुसैन को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया, "डॉ हुसैन ने एम्फोटेरिसिन-B की 300 एक्सपायर्ड शीशियां खरीदने की बात स्वीकारी है। उसने पिपेरासिलिन और टेजोबैक्टम दवाओं को एम्फोटेरिसिन के तौर पर दोबारा पैक किया और बांटा।" उन्होंने कहा कि निजामुद्दीन स्थित एक घर से एम्फोटेरिसिन की 3,000 से अधिक शीशियां भी बरामद हुई हैं।
DCP भारद्वाज ने बताया कि जांच में एम्फोटेरिसिन के सभी इंजेक्शन नकली निकले हैं। हालांकि बाकी इंजेक्शन नकली हैं या असली, यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।
Delhi Police Crime Branch arrested 7 persons including 2 doctors for manufacturing and selling fake Black Fungus Liposomal Amphotericin-B injections and recovered
— CP Delhi #DilKiPolice (@CPDelhi) June 20, 2021
3293 vials of fake ‘Injections’ etc from residence of Dr. Altamas Hussain inNizamuddin @HMOIndia @PMOIndia pic.twitter.com/pdEBgYFkfe
बता दें कि एम्फोटेरिसिन-B का इस्तेमाल ब्लैक फंगस के उपचार में किया जाता है जो नाक, आंख, साइनस और कभी-कभी दिमाग को भी नुकसान पहुंचाती है। ये बीमारी ऐसे लोगों के लिए जानलेवा हो सकती है जो डायबिटीज से पीड़ित हैं या जिनका इम्युन सिस्टम बहुत कमजोर है जैसा कि कैंसर और HIV एड्स के मरीजों में होता है। पिछले महीने सरकार ने ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच पांच कंपनियों को एम्फोटेरिसिन बनाने का लाइसेंस दिया था।
म्यूकरमायकोसिस या ब्लैक फंगस एक बेहद दुर्लभ संक्रमण है। यह म्यूकर फंगस के कारण होता है जो मिट्टी, पौधों, खाद, सड़े हुए फल और सब्ज़ियों में पनपता है। यह आम तौर पर उन लोगों को प्रभावित करता है जो लंबे समय दवा ले रहे हैं और जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। यह एक बहुत खतरनाक रोग है और इसकी मृत्यु दर लगभग 50 प्रतिशत है यानि ब्लैक फंगस से पीड़ित होने वाले लगभग आधे लोग मर जाते हैं।
ब्लैक फंगस ज्यादातर अनियंत्रित डायबिटीज के कारण होता है। दरअसल, अनियंत्रित डायबिटीज वाले लोगों की इम्युनिटी पहले से ही कमजोर होती है, ऐसे में ब्लैक फंगस उन्हें घेर लेता है। इसके अलावा कोरोना संक्रमितों के इलाज में स्टेरॉयड्स के अत्यधिक इस्तेमाल से भी ब्लैक फंगस होने का खतरा रहता है। स्टेरॉयड्स मरीज के इम्युनिटी सिस्टम को बहुत कमजोर कर देते हैं जिसकी वजह से ब्लैक फंगस उन्हें घेर लेता है। पिछले कुछ हफ्तों में इसके मामले 150 प्रतिशत बढ़े हैं।