क्या छात्रों को करनी चाहिए ग्रुप स्टडी? जानिए इसके फायदे और नुकसान
जब कोई छात्र एक सामान्य विषय पर बाकी छात्रों के साथ अध्ययन करता है तो उसे ग्रुप स्टडी कहा जाता है। आमतौर पर ग्रुप स्टडी में वो छात्र ही शामिल होते हैं जो एक ही कक्षा या एक ही बैच में पढ़ते हैं। कठिन विषयों का एक साथ अध्ययन करने के लिए छात्र ग्रुप में पढ़ाई करते हैं। आइए जानते हैं क्या ग्रुप स्टडी सभी छात्रों को करनी चाहिए और इसके फायदे और नुकसान क्या हैं?
ग्रुप स्टडी के फायदे
1. अन्य छात्रों के साथ अध्ययन करने से छात्रों में प्रेरणा का स्तर बढ़ता है और सीखने की प्रक्रिया मनोरंजक होती है। इससे छात्र जानकारियों को बेहतर तरीके से याद कर पाते हैं। छात्रों को टीमवर्क और संचार कौशल सीखने को मिलता है। 2. ग्रुप स्टडी करने से एक विषय पर विभिन्न दृष्टिकोणों को सुनने का अवसर मिलता है, इससे कठिन विषयों पर भी पकड़ मजबूत होती है। छात्र बेहतर समय प्रबंधन सीख पाते हैं।
पढ़ाई में नियमित होते हैं छात्र
3. छात्र जब अकेले पढ़ते हैं तो वे कई बार आलस या मन नहीं लगने के कारण पढ़ाई नहीं करते, लेकिन ग्रुप स्टडी करने से पढ़ाई में नियमितता बनी रहती है। समूह की चर्चा में नियमित रूप से भाग लेना जरूरी होता है। 4. ज्यादातर छात्र परीक्षा से पहले बहुत तनाव में रहते हैं, ऐसे में अगर वे ग्रुप स्टडी करते हैं तो तनाव कम होता है और उनके सफल होने की संभावना बढ़ती है।
ग्रुप स्टडी के नुकसान
1. ग्रुप स्टडी करना सेल्फ स्टडी की तुलना में धीमा हो सकता है क्योंकि आपको अपने साथियों के साथ पढ़ना होता है। अकेले पढ़ने वाले छात्र पाठ्यक्रम को जल्दी कवर कर पाते हैं। ग्रुप स्टडी के लिए ज्यादा समय की जरूरत होती है। 2. दोस्तों के साथ पढ़ाई करते समय ध्यान भटकने की संभावना ज्यादा रहती है। कई बार छात्र पढ़ाई की बजाय अन्य मुद्दों पर बातचीत करने लगते हैं, इससे उत्पादकता प्रभावित होती है।
एकाग्रता हो सकती है प्रभावित
3. ग्रुप में पढ़ाई करने से कई छात्रों का एकाग्रता का स्तर कम होते हैं क्योंकि वे अपने साथियों से विचलित हो जाते हैं। कुछ छात्र अध्ययन में पूरा योगदान नहीं देते, जिससे पढ़ाई प्रभावित होती है। 4. ग्रुप स्टडी उन छात्रों के लिए अच्छी नहीं है, जिनके सीखने की शैली अलग है या जो अकेले पढ़ना पसंद करते हैं। कई बार ग्रुप स्टडी में सरंचना की कमी के चलते लक्ष्यों को प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है।