2030 तक दुनिया के 20 सबसे अमीर शहरों में शामिल हो जाएगा मुंबई
भारत की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाला मुंबई शहर 2030 तक दुनिया के 20 सबसे अमीर शहरों वाली सूची में शामिल हो जाएगा। लंदन की हेनले एंड पार्टनर्स की ग्लोबल सिटिजन्स रिपोर्ट फॉर Q3 (जुलाई-सितंबर) 2022 की रिपोर्ट में यह कहा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले आठ साल में मुंबई के अलावा दो अन्य शहर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का दुबई और चीन का शेनझेन शहर भी इस सूची में शामिल हो जाएंगे।
अभी 25वें स्थान पर है मुंबई
वर्तमान रिपोर्ट में सबसे अमीर शहरों में मुंबई 25वें स्थान पर है और शहर में 60,600 करोड़पति, 243 सेंटी-करोड़पति (जिनकी संपत्ति 10 करोड़ रुपये या अधिक है) और 30 अरबपति रहते हैं। रिपोर्ट में 23वें स्थान पर मौजूद दुबई में 67,900 करोड़पति, 202 सेंटी-करोड़पति और 13 अरबपति हैं, वहीं 30वें स्थान पर मौजूद शेनझेन शहर में 43,600 करोड़पति, 135 सेंटी-करोड़पति और 17 अरबपति रहते हैं। अभी मुंबई शहर दुबई से दो स्थान पीछे है।
सबसे अमीर शहरों की सूची में ये 20 शहर शीर्ष पर
रिपोर्ट में मुंबई, दुबई और शेनझेन के आने वाले आठ सालों में सबसे अमीर शहरों में शामिल होने की संभावना जताई गई है। दूसरी तरफ 2022 की रिपोर्ट में वैश्विक स्तर पर 20 सबसे अमीर शहरों के नाम की सूची में पहला नाम न्यूयॉर्क का है। इसके बाद टोक्यो, सैन फ्रांसिस्को, लंदन, सिंगापुर, लॉस एंजिल्स, शिकागो, ह्यूस्टन, बीजिंग, शंघाई, सिडनी, हांगकांग, फ्रैंकफर्ट, टोरंटो, ज्यूरिख, सियोल, मेलबर्न, डलास-फोर्ट वर्थ, जिनेवा और आखिर में पेरिस है।
मुंबई को आर्थिक राजधानी क्यों कहा जाता है?
मुंबई भारत की आर्थिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। ये शहर समुद्र के किनारे बसा है, इसलिए यहां से पूरे विश्व के साथ व्यापारिक संपर्क आसानी से बनाया जा सकता है। यहां दुनिया के 10 सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में से दो, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), मौजूद हैं। इसके अलावा मुंबई में वित्तीय सेवाओं, मीडिया और रियल एस्टेट क्षेत्रों में कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए यहां नौकरी के और व्यावसायिक मौके ज्यादा हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
आठ साल बाद मुंबई अमीर शहरों में तो शामिल हो जाएगा, लेकिन विश्व वायु गुणवत्ता, 2021 की रिपोर्ट में प्रदूषण के मामले में शहर की रैंकिंग बढ़ी है। 2020 में विश्व में मुंबई 141वें स्थान पर था, लेकिन 2021 में 124वें स्थान पर पहुंच गया। पिछले साल मुंबई का वायु प्रदूषण खराब स्थिति में पहुंच गया था। इसका मुख्य कारण बड़ी-बड़ी इमारतों का निर्माण, पेड़ों की कटाई, इंडस्ट्रीज-इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट्स के निर्माण से उठने वाली धूल और धुआं आदि हैं।