दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए और सख्त करेगी प्रतिबंध, जानें नई योजना
क्या है खबर?
दिल्ली के वायु प्रदूषण ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गुरुवार को भी वायु गुणवत्ता 'गंभीर श्रेणी' में दर्ज की गई। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 442 दर्ज किया गया।
ऐसे में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए और कड़े कदम उठाने जा रही है।
इसके अलावा दिल्ली में कृत्रिम बारिश के लिए क्लाउड सीडिंग की तारीखों का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा, जिसका मतलब है कि कृत्रिम बारिश में थोड़ी देरी हो सकती है।
प्रतिबंध
दिल्ली में चुनिंदा बसों पर लग सकता है प्रतिबंध
दिल्ली सरकार CNG, बिजली और BS4 डीजल पर चलने वाली बसों को छोड़कर यात्री बसों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है।
न्यूज एजेंसी PTI ने अपने सूत्र के हवाले से बताया कि छठ पूजा पास है जिसके चलते भारी भीड़ देखने को मिल रही। दिल्ली में त्योहार के बाद प्रतिबंध लागू करने की योजना है।
यहां ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) अगले आदेश तक लागू रहेगा। फिलहाल ट्रकों के शहर में प्रवेश पर रोक है।
जानकारी
प्रतिबंधों का पालन हो इसके लिए काम पर हैं 100 टीमें
रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिबंधों को लागू करने के लिए यातायात सहित 40 प्रवर्तन टीमें दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक तैनात हैं। मालवाहक ट्रकों, प्रदूषण प्रमाणपत्रों, अंतरराज्यीय बसों आदि की जांच के लिए 100 टीमें काम कर रहीं।
कृत्रिम बारिश
कृत्रिम बारिश की क्या है योजना?
दिल्ली सरकार की 20-21 नवंबर के बीच कृत्रिम बारिश कराने की योजना थी, लेकिन अब इन तारीखों का पुनर्मूल्यांकन किया जा रहा है।
दरअसल, पहले आंकलन था कि 18 या 20 नवंबर के आसपास शहर पर पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होने का अंदेशा है।
पश्चिमी विक्षोभ के कारण शहर में नमी वाले बादल बनते, जिससे इस योजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जाता क्योंकि क्लाउड सीडिंग के लिए ऐसे बादलों का होना आवश्यक है।
कदम
दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए?
दिल्ली में राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, बिजली ट्रांसमिशन लाइन और पाइपलाइन बिछाने जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं से जुड़े गैर-आवश्यक निर्माणों और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर पहले से ही रोक है।
दिल्ली में 12वीं तक के स्कूल 9 नवंबर से 18 नवंबर तक बंद किये जा चुके हैं।
यहां कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध जैसी पुराने चरणों की पाबंदियां भी लागू रहेंगी।
यदि प्रदूषण का स्तर कम नही होता तो जल्द ही दिल्ली सरकार ऑड-ईवन योजना भी लागू कर सकती है।
न्यूजबाइट्स प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
कृत्रिम बारिश एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें सिल्वर आयोडाईड, ड्राई आइस और साधारण नमक जैसे रासानयिक एजेंट्स को बादलों में छोड़ा जाता।
इनकी वजह से बादल पानी में बदलने लगते हैं और बारिश हो जाती है।
इस प्रक्रिया को क्लाउड सीडिंग कहते हैं। इसके लिए प्राकृतिक बादलों का होना आवश्यक है।
कृत्रिम बारिश करवाने में एक बार में 10-15 लाख रुपये की लागत आती है।
अब तक इस प्रक्रिया का उपयोग दुनियाभर में 53 देशों ने किया है।