विश्व बैंक ने की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की तारीफ, गांवों में बढ़े रोजगार के अवसर
विश्व बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में भारत की ग्रामीण सड़क योजना की तारीफ की है। बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इसकी वजह से आना-जाना और आर्थिक अवसरों तक पहुंच बढ़ी है। साथ ही अच्छी सड़क व्यवस्था स्कूलों में बच्चों की हाजिरी बढ़ाने में भी बेहद सहायक रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अच्छी सड़कों की वजह से ग्रामीण परिवारों के लिए रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हुए हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी से शुरू की थी ग्राम सड़क योजना
विश्व बैंक ने पिछले हफ्ते केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को यह रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें 2009 से 2017 के बीच इकट्ठे किए गए डेटा के आधार पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के 3 राज्यों, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान, में असर का मूल्यांकन किया गया है। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ग्रामीण भारत में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 2000 में इस योजना की शुरूआत की थी।
हाई स्पीड डीजल पर टैक्स से आता है योजना का पैसा
योजना के शुरू होने से अब तक इसके तहत राज्यों में 6 लाख किलोमीटर रोड़ बनाई जा चुकी है। योजना को फंड देने के लिए केंद्र सरकार हाई स्पीड डीजल पर 0.75 रुपये प्रति लीटर सैस (टैक्स) लगाती है।
कृषि से गैर-कृषि क्षेत्रों की तरफ शिफ्ट
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, रोड़ कनेक्टिविटी में सुधार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को कृषि से गैर-कृषि क्षेत्रों की तरफ शिफ्ट करने की शुरूआत की और महिलाएं अपने खेतों में काम करने के लिए घर से बाहर निकलीं। इससे ग्रामीण परिवारों में रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हुए। रिपोर्ट के अनुसार, PMGSY के तहत बनी सड़कों के कारण गैर-कृषि क्षेत्रों में प्राथमिक रोजगार की दर में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
बेहतर सड़कों के कारण खेतों में काम करने निकलीं महिलाएं
रिपोर्ट के अनुसार, रोजगार बदलने वाले ज्यादातर कामगार पुरुष थे, लेकिन बेहतर सड़कों के कारण महिलाएं भी अपने खेतों में काम करने के लिए घर से बाहर निकलीं। महिलाओं की इस भागेदारी को योजना से जुड़े क्षेत्रों में रोजगार में वृद्धि का मुख्य कारण माना गया है। रिपोर्ट में शहरी क्षेत्रों से दूरी और सड़कों के रोजगार पर प्रभाव के बीच भी संबंध बताया गया है। शहरों से 10 किलोमीटर दूर ग्रामीणों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर 6 प्रतिशत बढ़े।
स्कूलों में बच्चों की हाजिरी और स्वास्थ्य क्षेत्र पर भी असर
स्कूलों में बच्चों की हाजिरी पर भी PMGSY योजना का असर देखा जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, बेहतर सड़कों के कारण 2017 में मिडिल और हाई स्कूलों में बच्चों ने 0.7 वर्ष ज्यादा शिक्षा ग्रहण की। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि योजना के तहत बनी सड़कों से जुड़े ग्रामीण इलाकों में घर पर बच्चों की डिलीवरी के मामलों में भी भारी कमी आई है। इसे स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ा सुधार माना जा सकता है।
बेरोजगारी के मुद्दे पर आलोचनाओं का सामना कर रही है मोदी सरकार
विश्व बैंक की ये रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को देश में बढ़ती बेरोजगारी के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। कहा जा रहा है कि इस समय पिछले 45 साल में सबसे अधिक बेराजगारी है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरूआत होते ही बेरोजगारी से निपटने के लिए एक कैबिनेट समिति का गठन किया है।