अंतरिम बजट में आयकर छूट की सीमा दोगुनी कर सकती है सरकार, तोड़नी पड़ेगी पुरानी परंपरा
आने वाला बजट मध्यम वर्ग के लिए खुशखबरी लाने वाला साबित हो सकता है। 1 फरवरी को आने वाले अंतरिम बजट में मोदी सरकार आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर सकती है। सरकार इस साल केवल अंतरिम बजट ही पेश कर सकती है, लेकिन फिर भी वह लोकसभा चुनावों को देखते हुए मतदाताओं को लुभाने का एक भी मौका नहीं छोड़ना चाहती। बजट में ऐसी ही कुछ और लोकलुभावन घोषणाएं हो सकती हैं।
हर वर्ग के मतदाताओं को लुभाने पर नजर
सरकार आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर परेशान मध्यम वर्ग को साधना चाहती है। सरकार के इस कदम से लगभग 3 प्रतिशत मतदाता प्रभावित होंगे। करीबी चुनाव की स्थिति में यह वोट प्रतिशत भाजपा के लिए जिताऊ बन सकता है। सरकार हर वर्ग के मतदाताओं को लुभाने के लिए बजट में ऐसी ही कुछ और लोकलुभावन घोषणाएं कर सकती है। बजट में किसानों के लिए भी ब्याज मुक्त कर समेत कुछ और राहत देने वाली घोषणाएं हो सकती हैं।
तोड़नी होगी अकथित परंपरा
सरकार को मध्यम वर्ग को छूट देने के लिए राजनीति की एक अकथित परंपरा को तोड़ना होगा। चली आ रही परंपरा के अनुसार, अभी तक किसी भी सरकार ने अंतरिम बजट के दौरान आयकर छूट की सीमा बढ़ाने का फैसला नहीं किया है। यह तय नहीं होता कि आने वाली सरकार किसकी होगी और ऐसा करने पर अगली सरकार पर बोझ बढ़ सकता है। अपने कार्यकाल में कई गैर-पारंपरिक फैसले लेने वाली मोदी सरकार इस परंपरा को तोड़ सकती है।
अंतरिम बजट में केवल सीमित खर्च की अनुमति
पिछले साल भी देश आयकर छूट की सीमा दोगुनी होने की उम्मीद जता रहा था क्योंकि वह मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट था। बता दें कि अंतरिम बजट में सरकार पूरे साल में खर्च का खाका प्रस्तुत करती है और उसे सीमित खर्च करने का ही अधिकार होता है। पूर्ण बजट, आने वाली सरकार पेश करती है। 2014 में कांग्रेस नेता चिदंबरम ने अंतरिम बजट पेश किया था, जबकि चुनाव बाद अरुण जेटली ने पूर्ण बजट पेश किया था।