कौन हैं देश के अगले सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे?
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे देश के अगले थल सेना प्रमुख होंगे। वो मौजूदा सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की जगह लेंगे जो 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं। नरवणे का चयन वरिष्ठता के आधार पर किया गया है और जनरल रावत का कार्यकाल समाप्त होने पर वो सेना के वरिष्ठतम अधिकारी होंगे। उनका कार्यकाल दो साल और चार महीने का होगा। आइए लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे के अब तक के सफर और उनकी विशेषज्ञताओं के बारे में जानते हैं।
1980 में सेना से जुड़े थे नरवणे
22 अप्रैल, 1960 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे जून 1980 में सेना से जुड़े थे और उनका सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट में कमीशन हुआ था। इसके बाद से वो जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन की कमान संभाल चुके हैं और मेजर जनरल के तौर पर असम राइफ़ल्स के महानिरीक्षक भी रहे चुके हैं। नरवणे 1980 के दशक के अंत में श्रीलंका भेजे गए भारतीय शांति रक्षा सेना (IPKF) का हिस्सा भी रह चुके हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल बनने से पहले पूर्वी कमान के प्रमुख थे नरवणे
इसके अलावा नरवणे ने शिमला स्थित सेना के प्रशिक्षण केंद्र के प्रमुख भी रह चुके हैं। 31 अगस्त को उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल (उप प्रमुख) बनाया गया था। लेफ्टिनेंट जनरल बनने से पहले वो पूर्वी कमान के प्रमुख थे, जो चीन के साथ लगती भारत की लगभग चार हजार किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा करती है। इन नियुक्तियों से पहले वो कुछ समय के लिए दिल्ली एरिया जनरल ऑफिसर भी रह चुके हैं।
आतंकवाद और चीन के मामलों में महारत रखते हैं नरवणे
नरवणे को कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवाद और उग्रवाद विरोधी अभियानों में महारत हासिल है। हाल ही में भारत की पूर्वी सीमा पर एक बड़ा सैन्य अभ्यास कराया गया था और इसके पीछे भी नरवणे का दिमाग था। उन्हें चीन विशेषज्ञ माना जाता है। इन्हीं कारणों से ऐसे समय में जब पाकिस्तान के भारत का लगातार तनाव बना हुआ है और चीन से भी रिश्ते बहुत अच्छे नहीं हैं, उनकी नियुक्ति बेहद अहम हो जाती है।
"चीन 100 बार घुसपैठ करता है तो भारत बदले में 200 बार करता है"
नरवणे ने पूर्वी कमान का प्रमुख रहते हुए एक ऐसा बयान भी दिया था जिसके कारण वो बेहद चर्चा में रहे थे। उन्होंने कहा था कि अगर चीन भारत की सीमा में 100 बार घुसपैठ करता है तो भारतीय सेना 200 बार घुसपैठ करती है।
कड़क अधिकारी है नरवणे, मानते हैं केवल लिखित आदेष
मृदु भाषी माने जाने वाले नरवणे की छवि एक कड़क और नो-नॉनसेंस अधिकारी की है। एक ऐसे ही वाकये में उन्होंने दिल्ला का जनरल ऑफिसर रहते हुए सरकार के मौखिक आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया था और स्पष्ट किया था कि वो केवल लिखित आदेश का ही पालन करते हैं। देश को सेना प्रमुख के तौर पर भी नरवणे से इसी तरह के कड़क स्वभाव की उम्मीद है।
जनरल रावत को बनाया जा सकता है चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
अगले साल की शुरूआत में नरवणे सेना प्रमुख का पद संभालेंगे। जनरल रावत को देश का पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बनाया जा सकता है। महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले नरवणे की पत्नी वीना नरवणे एक शिक्षिका हैं और उनकी दो बेटियां हैं।