चिकित्सा विशेषज्ञ बोले- कोरोना वायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई में मई का महीना निर्णायक
क्या है खबर?
भारत में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाया गया राष्ट्रीय लॉकडाउन 3 मई को खत्म होने वाला है और केंद्र सरकार इससे आगे की रणनीति पर विचार कर रही है। सरकार की तरफ से लॉकडाउन आगे बढ़ाने के संकेत मिले हैं, लेकिन कम मामलों वाले जिलों में लॉकडाउन में कुछ छूटें दी जा सकती हैं।
इस बीच चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मई का महीना बेहद अहम साबित हो सकता है।
स्थिति
भारत में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
भारत में गुरुवार सुबह आठ बजे तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 33,050 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 1,074 लोगों की मौत हुई है, वहीं 8,325 को सफल इलाज के बाद घर भेजा जा चुका है।
महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है और यहां अब तक 9,915 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से 432 जिलों की मौत हुई है।
कोरोना वायरस के ज्यादातर नए मामले शीर्ष पांच राज्यों से सामने आ रहे हैं।
रेड जोन
लगातार घट रही रेड जोन में आने वाले जिलों की संख्या
यूं तो जिन जिलों में कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं उनकी संख्या पिछले एक महीने में 301 बढ़कर 430 हो गई है, लेकिन रेड जोन में आने वाले जिलों की संख्या लगातार घटी है।
पिछले 15 दिनों में रेड जोन में आने वाले जिलों की संख्या 170 से घटकर 129 हो गई है।
अधिकांश मामले शीर्ष 15 जिलों से सामने आए हैं और ज्यादातर जिलों में बेहद कम मामले सामने आए हैं।
अन्य आंकड़े
इन आंकड़ों से भी मिलते हैं अच्छे संकेत
इसके अलावा संक्रमण फैलने की दर में भी कमी आई है। यहां लॉकडाउन से पहले मामले दोगुने होने में लगभग तीन दिन लग रहे थे, वहीं अब 11 दिन में मामले दोगुने हो रहे हैं।
इसी तरह कोरोना वायरस R0 भी 1.83 से घटकर 1.29 पर आ गया है। एक संक्रमित व्यक्ति अन्य कितने व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है, उसे R0 कहा जाता है।
इसके अलावा टेस्टिंग पॉजिटिविटी रेट टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने पर भी 4.5 प्रतिशत है।
बयान
विशेषज्ञ बोले- ज्यादा छूट देना हो सकता है खतरनाक
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के जाने-जाने फेफड़ों के सर्जन डॉ अरविंद कुमार ने 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' के साथ बातचीत में कहा कि भारत ने अभी तक अच्छा काम किया है और अब मामलों को काबू में रखने और रेड जोन में आक्रामक कंटेनमेंट रणनीति अपनाने की जरूरत है।
मैक्स हेल्थकेयर में इंटरनल मेडिसिन के सहायक निदेशक डॉ रोमल टिकू ने कहा कि इस मौके पर लॉकडाउन में कोई भी बड़ी छूट खतरनाक साबित हो सकती है।
सलाह
विशेषज्ञों ने कहा- मई का महीना निर्णायक
इन्हीं सभी आंकड़ों को देखते हुए 3 मई के बाद लॉकाडउन में कुछ छूट दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि हॉटस्पॉट इलाकों में लॉकडाउन जारी रहना लगभग तय है।
इस बीच चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि मई का महीना कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक साबित हो सकता है।
उन्होंने केवल ग्रीन जोन में ही छूट देने और सार्वजनिक परिवहन को अगले एक महीने तक बंद रखने की सलाह दी है।