कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बनाई आक्रामक रोकथाम योजना
क्या है खबर?
कोरोना वायरस को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने एक आक्रामक रोकथाम योजना तैयार की है। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी 20 पेज के दस्तावेज में इसके बारे में बताया गया है।
इसमें कोरोना वायरस के मामलों वाले इलाकों को एक महीने तक बंद रखने और बाकी जगह बफर जोन बनाने जैसे प्रावधान शामिल हैं।
योजना का मकसद कोरोना को कुछ निश्चित इलाकों में ही सीमित रखने और नए इलाकों में फैलने से रोकने का है।
योजना
एक महीने तक बंद रखे जाएंगे कोरोना वायरस वाले इलाके
अभी तक देश के 700 से अधिक जिलों में से 274 जिलों में कोरोना वायरस के मामले सामने आ चुके हैं और इसे अन्य जिलों में पैर पसारने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने ये रोकथाम योजना तैयार की है।
योजना के तहत जिन इलाकों में कोरोना वायरस का मामला सामने आया है उन्हें सील कर दिया जाएगा और वहां लोगों को आवाजाही की बिल्कुल इजाजत नहीं होगी।
इन इलाकों को एक महीने तक बंद रखा जाएगा।
कड़ी पाबंदियां
चार हफ्ते तक कोई नया मामला नहीं आने के बाद ही हटेंगी पाबंदियां
योजना में बाकी जगह बफर जोन बनाने की बात कही गई है।
सील किए गए इलाकों और बफर जोन दोनों ही जगहों पर स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों को बंद रखने की बात कही गई है। इन इलाकों में कोई भी सार्वजनिक और निजी परिवहन नहीं चलेगा और केवल जरुरी सेवाओं के आवागमन की इजाजत होगी।
पिछले कोरोना वायरस मामले के बाद अगर अगले चार हफ्ते तक कोई नया मामला नहीं आता, तभी किसी इलाके से इन पाबंदियों को हटाया जाएगा।
इलाज
लक्षणों के मुताबिक होगा तय कहां रखे जाएंगे मरीज
कोरोना वायरस के संक्रमितों के बारे में इस योजना में कहा गया है कि जिन मरीजों में कोरोना वायरस के हल्के लक्षण देखे जाएंगे, उन्हें स्टेडियमों में क्वारंटाइन किया जाएगा। वहीं जिनमें मध्यम स्तर के लक्षण देखें जाएंगे उन्हें कोरोना वायरस के लिए निर्धारित अस्पतालों में रखा जाएगा।
जिन मरीजों में लक्षण गंभीर होंगे, उन्हें उच्च स्तरीय अस्पतालों में भेजा जाएगा।
किसी मरीज के टेस्ट दो बार नेगेटिव आने के बाद ही उसे अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी।
योजना
'अलग-अलग हिस्सों के लिए अलग-अलग रणनीति की जरूरत'
स्वास्थ्य मंत्रालय के इस दस्तावेज में कहा गया है कि कोरोना वायरस का भौगोलिक प्रसार H1N1 इंफ्लुएंजा महामारी के समान है। इससे पता चलता है कि इससे संक्रमितों की संख्या भले ही अधिक हो, लेकिन ऐसा होना मुश्किल है कि ये पूरे देश को एक समान प्रभावित करे।
इसमें कहा गया है, 'इसी कारण कोरोना वायरस के केंद्र इलाकों में रोकथाम के आक्रामक प्रयासों के साथ-साथ देश के अलग-अलग हिस्सों के लिए अलग-अलग रणनीति की जरूरत है।'
स्थिति
भारत में कोरोना वायरस के 3,577 मामले, 83 की मौत
बता दें कि भारत में अब तक कोरोना वायरस के 3,577 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 83 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 275 को सफल इलाज के बाद घर भेजा जा चुका है।
सबसे अधिक 503 मामले दिल्ली में सामने आए हैं, वहीं महाराष्ट्र में सबसे अधिक 24 मौतें हुई हैं।
कुल मामलों में से लगभग एक तिहाई मामले दिल्ली के निजामुद्दीन की मरकज मस्जिद में हुए तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन से संबंधित हैं।