कोरोना वायरस: सरकार ने रखा रोजाना एक लाख टेस्ट का लक्ष्य, अभी होते हैं 15 हजार
देश में कोरोना वायरस (COVID-19) के बढ़ते मामलों के बीच सरकार रोजाना हो रहे टेस्ट की संख्या बढ़ाने जा रही है। अभी रोजाना 15,000 टेस्ट हो रहे हैं, इस संख्या को अगले महीने के अंत तक बढ़ाकर रोजाना एक लाख करने का लक्ष्य रखा गया है। शनिवार को प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक के दौरान राज्यों को यह लक्ष्य दिया गया। इसके अलावा सरकार ने 30 अप्रैल तक मौजूदा 220 टेस्टिंग लैब्स की संख्या 300 करने की योजना बनाई है।
कुछ राज्यों में मामले सामने आने की दर घटी
शनिवार को हुई बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेजेंटेशन पेश की थी। इसमें पिछले पांच दिनों के आधार पर मामलों के विश्लेषण के आधार पर बताया गया था कि कुछ राज्यों में नए मामले सामने आने की दर कम हुई है।
लैब्स की संख्या के साथ ऐसे बढ़ते गए टेस्ट
मंत्रालय ने बताया कि 20 मार्च तक 75 लैब्स मेंं रोजाना 1,200 टेस्ट की दर से लगभग 15,000 टेस्ट हुए थे। इसके बाद लैब्स की संख्या बढ़ी और 2 अप्रैल तक 190 लैब्स में रोजाना 7,800 टेस्ट की होने लगे। इसके बाद लैब्स की संख्या फिर बढ़ाई गई और अब देश में रोजाना 15,000 टेस्ट हो रहे हैं। 10 अप्रैल तक देशभर में कुल 1.6 लाख टेस्ट हुए हैं। अब लैब्स की संख्या बढ़ाकर 300 की जाएगी।
मामले सामने आने के बाद बदली टेस्टिंग की नीति
नए मामले सामने आने के साथ-साथ सरकार टेस्ट करने की नीति में बदलाव कर रही है। 30 जनवरी को देश में कोरोना वायरस का मामला सामने आया था। तब तक केवल विदेश से आ रहे लोगों की जांच की जा रही थी। इसके बाद इसका दायरा बढ़ाया गया और अब स्वास्थ्यकर्मियों, सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों और कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का टेस्ट हो रहा है। अब सरकार एंटीबॉडी टेस्ट भी शुरू करेगी।
महामारी के इलाज के तैयार किए 586 अस्पताल
फिलहाल देशभर में कोरोना वायरस के इलाज के लिए 586 विशेष अस्पताल तैयार किए गए हैं। इनमेंं 1.04 लाख आइसोलेशन बेड, 11,800 ICU बेड और 6,400 वेंटिलेटर हैं। रेलवे डिब्बों में भी आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं। अस्पतालों को मरीजों के लक्षणों के आधार पर तीन अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया गया है। हल्के लक्षण या संदिग्ध मरीजों के लिए अलग अस्पताल हैं, इसी तरह गंभीर मरीजों और अति गंभीर मरीजों के लिए अलग-अलग अस्पताल निर्धारित किए गए हैं।
इतनी संख्या में उपलब्ध हैं PPE किट और मास्क
सरकार के पास अभी 2.84 लाख पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (PPE) किट उपलब्ध हैं और 30 अप्रैल तक 2.7 लाख और किट मिल जाएंगी। इसी तरह अभी 28.45 लाख N95 मास्क है और इस महीने के अंत तक 48.52 लाख मास्क और मिलने की उम्मीद है।
किट की सप्लाई न होने से रैपिड टेस्ट में देरी
कोरोना वायरस की जांच के लिए सरकार ने दक्षिण कोरिया की राह पर चलते हुए रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट करने की योजना बनाई थी, लेकिन टेस्टिंग किट न मिलने के कारण यह सिरे नहीं चढ़ सकी है। सरकार कंटेनमेंट जोन और भीड़भाड़ वाले इलाकों में रह रहे लोगों के टेस्ट करेगी। भारत ने ऐसी 5 लाख टेस्टिंग किट का ऑर्डर किया था। इनमें से 2.5 लाख पिछले सप्ताह पहुंचनी थी, लेकिन अभी ये किट मिलना बाकी है।
भारत में ये है संक्रमण की स्थिति
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 12 अप्रैल सुबह 8 बजे तक देश में 8,356 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 7,367 सक्रिय मामले हैं और 715 ठीक हो गए हैं, जबकि 273 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। इसी बीच सरकार देश में जारी लॉकडाउन को दो सप्ताह और आगे बढ़ा सकती है। इसका आधिकारिक ऐलान होना अभी बाकी है।