चीनी रैपिड टेस्ट किट का ऑर्डर रद्द, केंद्र सरकार बोली- एक भी रुपये का नुकसान नहीं
भारत ने चीन से मंगाई गईं कोरोना वायरस की एंटी-बॉडी रैपिट टेस्ट किट का ऑर्डर रद्द कर दिया है। सोमवार को इसकी जानकारी देते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि भारत को मामले में एक भी रुपये का घाटा नहीं होगा। सरकारी बयान में कहा गया है, "भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने इन टेस्ट किट के लिए कोई भुगतान नहीं किया था। जिस प्रक्रिया का पालन किया गया, उसके कारण सरकार को एक भी रुपये का नुकसान नहीं होगा।"
क्या है पूरा मामला?
भारत ने चीन की दो कंपनियों को रैपिड टेस्ट किट्स का ऑर्डर दिया था जिसमें 6.5 लाख हाल ही में आईं थीं। ICMR ने इनमें से पांच लाख किट्स को विभिन्न राज्यों को बांटा जिनका हॉटस्पॉट इलाकों में प्रयोग किया जाना था। कई राज्यों ने इनका प्रयोग शुरू कर दिया था और वहां इनमें दिक्कत देखने को मिली। सबसे पहले राजस्थान ने इनके जरिए टेस्ट बंद कर करते हुए कहा था कि इन किट की सटीकता केवल 5.4 प्रतिशत है।
ICMR ने लगाई रैपिड टेस्ट किट्स के प्रयोग पर रोक
राजस्थान की शिकायत के बाद ICMR ने अन्य तीन राज्यों से इसकी पुष्टि की और इन राज्यों ने भी इन टेस्ट किट्स के खराब होने की बात कही। इसके बाद ICMR ने राज्यों को दो दिन तक इसका इस्तेमाल बंद करने की सलाह दी।
ICMR की जांच में खराब पाई गईं किट
ICMR ने अपनी टीमों को गुआंग्झो वॉन्डोफो बायोटेक और झुहाई लिवजोन डायग्नोस्टि्क्स कंपनियों की रैपिड टेस्ट किट्स की जांच करने को भेजा और उसकी जांच में भी ये टेस्ट खराब पाई गईं। इसके बाद ICMR ने आज ही राज्यों को इन टेस्ट किट्स को वापस करने का निर्देश दिया। अपनी एडवाइजरी में ICMR ने कहा है, 'राज्यों को इन कंपनियों की टेस्ट किट का इस्तेमाल न करने और उन्हें सप्लाइयर को वापस करने की सलाह दी जाती है।'
रैपिड किट्स की कीमत को लेकर भी विवाद
इन रैपिड किट्स की कीमत को लेकर भी विवाद हुआ है। दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे इन किट्स को चीन से आयात करने वाली कंपनी 'मैट्रिक्स' और वितरक कंपनी 'रीयल मेटाबॉलिक्स' के एक विवाद की सुनवाई के दौरान सामने आया कि मैट्रिक्स ने इन किट्स को चीन से प्रति किट 245 रुपये की कीमत में खरीदा था, वहीं 'रीयल मेटाबॉलिक्स और आर्क फार्मास्यूटिकल्स ने इसे भारत सरकार को 600 रुपये में बेचा। कोर्ट ने इनकी कीमत 400 रुपये तय की है।
रैपिड टेस्ट किट में क्या है खास?
रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट से जांच करने के लिए मरीज के खून का सैंपल लिया जाता है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसका परिणाम महज 30 मिनट में सामने आ जाता है। वर्तमान में लोगों की तेजी से जांच करने के लिए इस किट की बहुत अधिक मांग है। इसके उलट वर्तमान में काम ली जा रही रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (RT-PCR) किट से जांच रिपोर्ट आने में पांच से छह घंटे का समय लगता है।
खून में एंटीबॉडी से चलता है कोरोना वायरस का पता
रैपिट किट से जांच के दौरान पता चलता है कि संदिग्ध के खून में कोरोना वायरस से लड़ने वालीं एंटीबॉडीज मौजूद हैं या नहीं। अगर एंटीबॉडीज मौजूद होती हैं तो इसका मतलब उसे कोरोना है या पहले कभी हो चुका है।