मणिपुर के 5 जिलों में लगाया गया कर्फ्यू; इस बार क्यों भड़की हिंसा?
मणिपुर में नए साल के दिन सांप्रदायिक हिंसा की आग फिर से सुलग उठी है। थौबल जिले में कथित तौर पर 4 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि 10 लोग घायल बताए जा रहे हैं। इसके बाद घाटी के 5 जिलों में दोबारा कर्फ्यू लगा दिया गया। ताजा हिंसा को लेकर दावा किया गया कि लोगों का एक समूह जबरन वसूली के लिए स्वचालित हथियारों के साथ आया था, जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
थौबल जिले के लिलोंग इलाके में हुई ताजा झड़प
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार शाम थौबल जिले के लिलोंग इलाके में अज्ञात हथियारबंद समूह और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गई। मणिपुर पुलिस ने ताजा हिंसा में 4 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि अज्ञात बंदूकधारी जबरन इलाके में घुसे और सभी पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। ताजा हिंसा के बाद गुस्साए स्थानीय लोगों ने बंदूकधारियों की गाड़ियों में आग लगा दी।
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने शांति बनाए रखने की अपील की
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने हिंसा को लेकर एक वीडियो संदेश जारी करते हुए सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, "मुझे निर्दोष लोगों की हत्या पर दुख है। अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें लगी हैं। मैं हाथ जोड़कर लिलोंग के लोगों से अपील करता हूं कि वे दोषियों को पकड़ने में सरकार की मदद करें। मैं वादा करता हूं कि सरकार कानून के तहत न्याय देने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।"
घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने एक आपात बैठक की
सोमवार शाम को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने ताजा हिंसा को लेकर सभी मंत्रियों और विधायकों की एक आपात बैठक भी की। इस घटना के बाद से घाटी के जिलों में तनाव बना हुआ है। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि ताजा हिंसा के बाद थौबल, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है। उन्होंने दावा किया है कि हिंसा पर काबू पा लिया गया है।
2 दिन पहले विद्रोहियों ने कमांडो कॉम्प्लेक्स पर किया था हमला
2 दिन पहले यानी रविवार को मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह में संदिग्ध विद्रोहियों और पुलिस कमांडो के बीच गोलीबारी में 4 सुरक्षाबल घायल हो गए थे। अधिकारियों ने कहा था कि विद्रोहियों ने कमांडो कॉम्प्लेक्स पर हमला किया, जिसमें 4 जवान घायल हो गए और विद्रोहियों ने RPG (रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड) का इस्तेमाल भी किया और फिर सुरक्षा बलों ने जवाबी फायरिंग की। विद्रोहियों के हमले में मोरेह पुलिस कॉम्प्लेक्स की इमारत को नुकसान पहुंचा था।
मणिपुर में अब तक हुई 200 मौत
मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदायों में जातीय हिंसा जारी है। 4 दिसंबर को इंटरनेट से पाबंदी हटते ही तेंगनौपाल जिले में 2 उग्रवादी समूहों के बीच गोलीबारी में 13 लोग मारे गए थे। मणिपुर हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं। बता दें कि मणिपुर में मैतेई आबादी के लगभग 53 प्रतिशत हैं, जो इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि नागा और कुकी सहित आदिवासी 40 प्रतिशत हैं, जो पहाड़ी जिलों में रहते हैं।