मालदीव: राष्ट्रपति मुइज्जू बोले- 10 मई तक देश छोड़ देंगे भारतीय सैनिक; विपक्ष ने किया बहिष्कार
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने आज संसद में अपना पहला भाषण दिया। इसमें उन्होंने कहा कि मई तक भारतीय सैनिक मालदीव छोड़कर चले जाएंगे। इससे पहले राष्ट्रपति मुइज्जू के भारत विरोधी रुख के कारण 2 मुख्य विपक्षी पार्टियों, मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) और डेमोक्रेट्स पार्टी, ने उनके संबोधन का बहिष्कार किया। इन दोनों ही पार्टियों ने मुइज्जू की भारत विरोधी विचारधारा की आलोचना की है और उन्हें हटाने की तैयारी में भी हैं।
अपने भाषण में क्या बोले मुइज्जू?
अपने भारत विरोधी रुख पर कायम रहते हुए मुइज्जू ने आज संसद को बताया कि मालदीव किसी भी देश को उसकी संप्रभुता में हस्तक्षेप करने या उसे कमजोर करने की अनुमति नहीं देगा। उन्होंने कहा कि भारत और मालदीव इस बात पर सहमत हुए हैं कि भारतीय सैनिक 10 मई तक मालदीव छोड़ देंगे। उन्होंने कहा, " 3 विमानन प्लेटफार्मों में से एक पर भारतीय सैनिक 10 मार्च तक चले जाएंगे। अन्य 2 लोग 10 मई तक जाएंगे।"
विपक्ष ने क्यों किया संबोधन का बहिष्कार?
डेमोक्रेट्स ने कहा था कि वह उन 3 मंत्रियों की फिर से नियुक्ति के कारण ससंदीय संबोधन का बहिष्कार करेंगे, जिन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। MDP ने रविवार रात कहा था, "यह बहिष्कार सरकार के कार्यों की निंदा है, जो लोकतंत्र से बहुत दूर हैं।" इससे पहले दोनों पार्टियों ने कट्टर भारत विरोधी रुख के लिए राष्ट्रपति की आलोचना की थी और इसे देश के दीर्घकालिक विकास के लिए बेहद हानिकारक बताया था।
देश की स्थिति के बारे में प्रस्ताव पेश करेंगे मुइज्जू
मालदीव की वेबसाइट द एडिशन की रिपोर्ट के अनुसार, संविधान में प्रावधान है कि राष्ट्रपति वर्ष के पहले कार्यकाल के पहले सत्र में देश की स्थिति पर संसद को संबोधित करें। इस दौरान वह देश की स्थिति में सुधार के लिए प्रस्ताव पेश करेंगे।
जल्द ही महाभियोग का सामना कर सकते हैं मोइज्जू
बता दें कि राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत विरोधी नीति के कारण उनकी सरकार पर खतरे की तलवार लटक रही है। मालदीव की विपक्षी पार्टियों ने कहा है कि वह 27 मई को वर्तमान संसदीय कार्यकाल की समाप्ति से पहले मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग ला सकती हैं और उनके पास संसद में पर्याप्त समर्थन भी है। इसके खिलाफ मालदीव सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की है।
चीन समर्थक हैं राष्ट्रपति मुइज्जू
15 नवंबर, 2023 को मुइज्जू ने मालदीव के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। वह भारत विरोधी और चीन समर्थक माने जाते हैं। मालदीव सरकार के 3 मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद से दोनों देशों में तनाव और बढ़ गया। जनवरी में राष्ट्रपति मुइज्जू ने चीन का दौरा किया था। मालदीव ने भारत की आपत्ति के बावजूद एक चीनी जहाज को माले बंदरगाह में रुकने की अनुमति दी, जिसपर अमेरिका और भारत की जासूसी करने के आरोप हैं।