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पश्चिम बंगाल: नंदीग्राम सीट से हारने के बाद भी किस तरह से मुख्यमंत्री बनेंगी ममता बनर्जी?

पश्चिम बंगाल: नंदीग्राम सीट से हारने के बाद भी किस तरह से मुख्यमंत्री बनेंगी ममता बनर्जी?

May 03, 2021
02:49 pm

क्या है खबर?

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की मतगणना रविवार को पूरी हो गई। इसमें तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने 213 सीटों पर कब्जा जमाते हुए लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल की है। हालांकि, बड़ी जीत के बीच TMC प्रमुख ममता बनर्जी को नंदीग्राम सीट से भाजपा उम्मीदवार सुवेंदु अधिकारी से 1,956 वोटों से हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में अब सवाल उठता है कि हार के बाद बनर्जी कैसे मुख्यमंत्री बनेंगी। यहां जानते हैं इसके बारे में सबकुछ।

परिणाम

साल 2016 के मुकाबले TMC ने जीती तीन सीट अधिक

चुनाव आयोग की जारी परिणामों के अनुसार कुल 292 विधानसभा सीटों में से TMC ने 213 सीटों पर कब्जा जमाया है। यह 2016 में पार्टी द्वारा जीती गई 210 सीटों से तीन अधिक है। इसी तरह भाजपा ने 77 सीटों पर कब्जा जमाया है। इसके अलावा दो सीटें अन्य के खाते में गई हैं। हालांकि, ममता बनर्जी को नंदीग्राम सीट पर बेहद करीबी मुकाबले में सुवेंदु अधिकारी के सामने 1,956 वोटों से हार का सामना करना पड़ा है।

बयान

बनर्जी ने स्वीकार की नंदीग्राम सीट से हार

मतगणना में पहले खबर आई कि बनर्जी 1,200 वोटों से जीत रही हैं, लेकिन थोड़ी देर बाद खबर आई कि अधिकारी ने उन्हें हरा दिया है। इसके बाद बनर्जी ने कोर्ट जाने की बात कही, लेकिन बाद में हार स्वीकार कर ली। उन्होंने कहा, "नंदीग्राम की चिंता न करें, मैंने नंदीग्राम के लिए संघर्ष किया है। नंदीग्राम के लोगों ने जो भी फैसला किया है, मैं उसे स्वीकार करती हूं। मुझे कोई आपत्ति नहीं है। हमने राज्य जीत लिया है।"

प्रक्रिया

चुनाव हारने के बाद कैसे मुख्यमंत्री बनेगी बनर्जी?

संविधान के अनुसार वैसे तो मुख्यमंत्री बनने के लिए विधानसभा या विधान परिषद (जिन राज्यों में दो सदन हैं) का सदस्य होना जरूरी है। यदि सदस्य नहीं है तो नियमों के अनुसार मुख्यमंत्री पद की शपथ बिना विधायक रहते ली जा सकती है, लेकिन इसके बाद मुख्यमंत्री को छह महीने के भीतर विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना जरूरी होता है। यदि वह इसमें विफल रहता है तो अनुच्छेद 164 के अनुसार उसे मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ता है।

जानकारी

बनर्जी ऐसे बन सकती है विधानसभा या विधान परिषद की सदस्य

नियमानुसार अब मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बनर्जी को अगले छह महीने में राज्य में खाली बची या जहां किसी कारणवश चुनाव नहीं होने वाले विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ते हुए जीत हासिल करनी होगी। ऐसे में वह सुरक्षित सीट से ही लड़ेंगी।

पृष्ठभूमि

विधायक बने बिना मुख्यमंत्री बनने वाले नेता

बता दें कि बनर्जी से पहले उद्धव ठाकरे बिना बने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन चुके हैं। इसी तरह लालू प्रसाद यादव, योगी आदित्यनाथ, नीतीश कुमार, राबड़ी देवी, कमथलनाथ और तीरथ सिंह रावत बिना विधायक बने अपने-अपने राज्य के मुख्यमंत्री बन चुके हैं। हालांकि, इन सभी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद विधानसभा या विधान परिषद की सदस्यता हासिल कर ली थी। ऐसे में अब बनर्जी भी नियमों के तहत मुख्यमंत्री बन सकेंगी।