गुरूग्राम: 84 वर्षीय कोरोना संक्रमित को ठीक करने वाला एंटीबॉडी कॉकटेल क्या है?
हरियाणा के गुरूग्राम में एक 84 वर्षीय कोरोना संक्रमित व्यक्ति एंटीबॉडी कॉकटेल की मदद से ठीक होकर वापस अपने घर लौट गया है। इस व्यक्ति को गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थैरेपी दी गई थी, जो हल्के से मध्यम लक्षणों वाले मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को 70 प्रतिशत तक कम कर देती है। पिछले साल पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद उन्हें यह कॉकटेल दिया गया था।
अस्पताल का दावा- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का पहला मामला
एंटीबॉडी कॉकटेल की मदद से ठीक होने वाले मरीज का नाम मोहब्बत सिंह है। उन्हें कासिरिविमैब (Casirivimab) और इमडेविमैब (Imdevimab) का कॉकटेल दिया गया था। मंगलवार को कॉकटेल देने के बाद उन्हें निगरानी में रखा गया और बीते दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अस्पताल का दावा है कि यह दिल्ली और आसपास के क्षेत्र का पहला ऐसा मामला है, जहां एंटीबॉडी थैरेपी की मदद से कोरोना संक्रमित व्यक्ति पूरी तरह ठीक होकर घर लौटा है।
इसी महीने भारत में मिली थी मंजूरी
अस्पताल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत में अब कासिरिविमैब और इमडेविमैब का एंटीबॉडी कॉकटेल उपलब्ध है। यह हल्के और मध्यम लक्षणों वाले मरीजों की सेहत खराब होने से बचाने में सहायता करता है। इंसानी ट्रायल के दौरान यह कॉकटेल कोरोना संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती और मौत होने की आशंका को 70 प्रतिशत तक कम करने में कामयाब रहा था। इसी महीने इसे भारत में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिली है।
ट्रंप को भी दिया गया था कॉकटेल
स्विट्जरलैंड स्थित फार्मा कंपनी रॉश (Roche) इस दवा का उत्पादन करती है। पिछले साल अक्टूबर में जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कोरोना संक्रमण हुआ था, तब उन्हें यह कॉकटेल दिया गया था।
इस कॉकटेल में क्या है?
इस खास दवा में कासिरिविमैब और इमडेविमैब का कॉकटेल होता है। ये दोनों मोनोक्लॉनल एंटीबॉडीज या लैब में बनाए हुए प्रोटीन होते हैं, जो इंसान के इम्युन सिस्टम की नकल करते हुए वायरस आदि से लड़ने के लिए तैयार किए जाते हैं। कासिरिविमैब और इमडेविमैब को खास तौर पर कोविड महामारी फैलाने वाले वायरस SARS-CoV-2 के स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ तैयार किया गया है। ये एंटीबॉडीज वायरस को इंसानी सेल्स के अंदर जाने से रोकती है।
किन मरीजों को यह कॉकटेल दिया जा सकता है?
यह कॉकटेल महामारी के हल्के से मध्यम लक्षणों वाले उन मरीजों को दिया जा सकता है, जिनकी उम्र 12 साल से अधिक है और महामारी के चलते जिनकी सेहत गंभीर होने की आशंका रहती है। इस कॉकटेल में दोनो एंटीबॉडीज की 600-600mg की खुराक दी जाती है। इसे 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर किया जा सकता है। विशेषज्ञ लोगों को डॉक्टरों की सलाह के बाद ही इस कॉकटेल के उपयोग की सलाह देते हैं।
4,000 से ज्यादा मरीजों पर हुआ ट्रायल
रॉश का कहना है कि अस्पताल में भर्ती 4,567 हाई रिस्क मरीजों पर किए गए तीसरे चरण के ट्रायल में यह कॉकटेल बेहद प्रभावी रहा और इसने मौत के खतरे को 70 प्रतिशत तक कम कर दिया। यह लक्षणों को भी कम कर देती है।
कितनी है एक खुराक की कीमत?
बता दें कि रॉश इंडिया ने कॉकटेल दवाइयों के भारत में वितरण के लिए फार्मा कंपनी सिप्ला के साथ करार किया है। भारत में इस दवा की कीमत 59,750 रुपये प्रति खुराक है। इसके एक पैक से दो रोगियों को खुराक दी जा सकती है। यह भारत में मिले वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी पाया गया है। वैश्विक स्तर पर इसकी बढ़ती मांग को लेकर रॉश ने अपने साझेदारों के साथ मिलकर इसका उत्पादन बढ़ाया है।
अमेरिका और EU में मिल चुकी मंजूरी
भारत के अलावा इस कॉकटेल को अमेरिका में मंजूरी मिल चुकी है। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को यह कॉकटेल दिया गया था। इसके अलावा यूरोपीय संघ (EU) भी रॉश के इस एंटीबॉडी कॉकटेल को हरी झंडी दिखा चुका है।