महाकुंभ में श्रद्धालुओं के अस्पतालों में गूंज रही किलकारी, हर तीसरे दिन बच्चे का जन्म
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश में प्रयागराज का महाकुंभ उन महिलाओं के लिए खास बन गया है, जिन्होंने यहां आकर अपने बच्चे को जन्म दिया है।
महाकुंभ में 30 दिसंबर से 6 फरवरी तक 12 बच्चों का जन्म हुआ है। इनमें 11 बच्चे सेक्टर 2 में बने 100 बेड के अत्याधुनिक केंद्रीय अस्पताल में पैदा हुए हैं, जबकि एक बच्चा मेला के कर्ण अस्पताल में हुआ है।
सभी महिलाएं और बच्चे सुरक्षित बताए जा रहे हैं। कई जच्चा-बच्चा घर जा चुके हैं।
महाकुंभ
सभी गर्भवती महिलाओं का हुआ सामान्य प्रसव
महाकुंभ में जिन 12 महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया है, उनमें 8 ऐसे हैं जो काम के लिए प्रयागराज आए हुए थे। वे महाकुंभ में कार्य कर रहे थे, जबकि 4 महिलाएं स्नान के लिए आई हुई थीं।
सेंट्रल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज कौशिक ने बताया कि सभी गर्भवती महिलाओं ने सामान्य प्रसव से बच्चे को जन्म दिया है।
जच्चा-बच्चा को 3 दिन निगरानी में रखा गया था, जिसके बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।
नामकरण
किसी का नाम कुंभ तो किसी का गंगा
महाकुंभ में पैदा हुए बच्चों के नाम भी माता-पिता इस बड़े मेले से जोड़कर रखना चाह रहे हैं, जिससे याद बनी रहे।
कौशांबी में काम के सिलसिले में आई 20 वर्षीय सोनम ने एक लड़के को जन्म दिया है। उसका नाम परिवार के लोगो ने 'कुंभ' रखा है।
इसी तरह कुछ महिलाओं ने अपने बच्चों के नाम गंगा, सरस्वती, बसंती, अमृत, शंभु, बजरंगी, यमुना, कर्ण, शिवशंकर और संगम रखा है।
महिलाएं अलग-अलग राज्यों और सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखती हैं।
जानकारी
केंद्रीय अस्पताल की खासियत
महाकुंभ में 100 बिस्तरों वाले केंद्रीय अस्पताल में OPD, सामान्य वार्ड, प्रसव केंद्र, ICU और ऑपरेशन थियेटर बनाया गया है। यह अस्पताल कुंभ क्षेत्र में परेड ग्राउंड के पास स्थित है। इसमें पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के लिए अलग-अलग वार्ड हैं।