G-20 बुकलेट में रामायण-महाभारत के जरिए बताई गई 'भारत' की कहानी, इसमें और क्या-क्या?
क्या है खबर?
"भारत" और "इंडिया" नाम के विवाद के बीच सरकार ने G-20 शिखर सम्मेलन से पहले 2 बुकलेट जारी कीं हैं। इनमें से एक का शीर्षक 'भारत, लोकतंत्र की जननी' दिया गया है।
इसमें महाभारत और रामायण जैसे पौराणिक ग्रंथों के हवाले से कहा गया है कि भारत देश का आधिकारिक नाम है और संविधान और चर्चाओं में इसका उल्लेख किया गया है। इस बुकलेट को सम्मेलन में भाग लेने आए गणमान्य व्यक्तियों को दिया जाएगा।
डीटेल
बुकलेट में क्या-क्या है?
इस बुकलेट में कुल 26 पृष्ठ हैं, जिनमें 'भारत में लोकतांत्रिक लोकाचार', लोकतंत्र, ऋग्वेद, महाभारत और रामायण जैसी कई बातों का जिक्र है। इसमें कहा गया है कि भारत में शासन में लोगों की सहमति प्राचीनतम दर्ज इतिहास से ही जीवन का एक अहम हिस्सा रहा है।
इसमें धर्मों, भजनों, रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों के उदाहरणों के साथ, प्राचीन युग से लेकर अब तक भारत में लोकतांत्रिक लोकाचार का विवरण दिया गया है।
लोकतंत्र
बुकलेट में लोकतंत्र के बारे में क्या कहा गया है?
बुकलेट में लोकतंत्र की विशेषता बताई गई है। इसमें कहा गया है कि लोकतंत्र में सद्भाव, पसंद की स्वतंत्रता, अलग-अलग विचारों की स्वतंत्रता, समानता, लोगों के कल्याण के लिए शासन और समाज में समावेशिता बढ़ाने जैसे मूल्य शामिल हैं।
बुकलेट में लिखा है, "महाभारत में भीष्म पितामह ने मरते हुए ने युधिष्ठिर को सुशासन के सिद्धांत दिए, जिसमें लोगों की समृद्धि और खुशी को सुरक्षित रखने के महत्व पर प्रकाश डाला गया।"
भजन
बुकलेट में ऋग्वेद का भजन भी शामिल
बुकलेट में एक नाचती हुई लड़की की 5,000 साल पुरानी कांस्य प्रतिमा की तस्वीर है, जो आत्मविश्वास, स्वतंत्रता और मुक्ति की प्रतीक है।
इसमें 4 वेदों में से एक ऋग्वेद का एक भजन भी शामिल है, जिसमें आम लोगों और अन्य प्रतिनिधि निकायों का जिक्र है। बुकलेट में कहा गया है कि रामायण में भगवान राम को उनके पिता दशरथ द्वारा अपने मंत्रिपरिषद और लोगों से अनुमोदन मांगने के बाद राजा चुना गया था।
शिवाजी
बुकलेट में शिवाजी, अकबर और अशोक का भी जिक्र
बुकलेट में छत्रपति शिवाजी के बारे में कहा गया है कि कैसे उनके शासन में लोगों को समान अधिकार प्राप्त थे। पुस्तक के मुताबिक, शिवाजी ने 8 मंत्रियों को नियुक्त किया था, जिनकी सलाह को राजा भी खारिज नहीं कर सकते थे।
बुकलेट में अकबर को एक समझदार राजा बताया गया है, जिनकी लोकतांत्रिक समझ अपने वक्त से कहीं आगे थी। बुकलेट में लिखा है, "अकबर ने धार्मिक भेदभाव के खिलाफ 'सुलह-ए-कुल' यानी सार्वभौमिक शांति का सिद्धांत पेश किया।"
चुनाव
'भारत में चुनाव' पर भी बुकलेट जारी
सम्मेलन से पहले 'भारत में चुनाव' नामक शीर्षक से एक दूसरी बुकलेट भी जारी की गई है। 15 पुष्ठों की इस बुकलेट में भारत में 1952 में हुए पहले चुनाव से लेकर 2019 में हुए आखिरी चुनावों तक का जिक्र किया गया है।
इसमें हर चुनाव में राजनीतिक पार्टियों की संख्या, मतदाताओं की संख्या, महिलाओं की भागीदारी और भारत के चुनाव आयोग की स्थापना जैसे विषयों की जानकारी दी गई है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
G-20 एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसके 20 सदस्य देश हैं। इसकी शुरुआत 1999 के एशियाई वित्तीय संकट के बाद हुई थी और वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों के बीच वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों की चर्चा के लिए एक मंच के तौर पर शुरू किया गया था।
इसके सदस्य देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका शामिल है।