संसद की सुरक्षा में चूक का मामला: 8 सुरक्षाकर्मी निलंबित किए गए; प्रधानमंत्री ने की बैठक
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा की सुरक्षा में चूक के मामले में 8 सुरक्षाकर्मियों को निलंबित किया गया है। यह कार्रवाई लोकसभा सचिवालय ने की है। NDTV के मुताबिक, सभी सुरक्षाकर्मी संसद भवन की सुरक्षा से जुड़ी टीम के सदस्य हैं। निलंबित किए गए 8 कर्मियों में रामपाल, अरविंद, वीर दास, गणेश, अनिल, प्रदीप, विमित और नरेंद्र शामिल हैं। ये सभी उन जगहों पर ड्यूटी पर तैनात थे, जहां से 2 युवकों ने प्रवेश किया।
प्रधानमंत्री ने की मंत्रियों के साथ बैठक
दैनिक भास्कर के मुताबिक, संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक की। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, अनुराग ठाकुर और अन्य मौजूद रहे। बुधवार की घटना के बाद संसद में सुरक्षा कड़ी कर दी गई और सुरक्षा नियमों में भी बदलाव किए गए हैं। संसद में दर्शक दीर्घा के पास ग्लास शील्ड लगाने की बात चल रही है।
क्या है मामला?
बुधवार को शून्य काल के दौरान 2 युवक अचानक से दर्शक दीर्घा से लोकसभा में कूद गए थे और बेंचों पर कूदते हुए गैस कनस्तर से पीले रंग की गैस उड़ा दी। सांसदों ने मिलकर दोनों को पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया। संसद के बाहर भी एक महिला और युवक पीले रंग का धुआं उड़ाते गिरफ्तार किए गए। एक अन्य आरोपी विशाल शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया है, वहीं एक आरोपी अभी फरार है।
मामले में कौन-कौन शामिल?
मामले में शामिल आरोपियों के नाम सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम देवी, अमोल शिंदे, विशाल शर्मा और ललित झा हैं। सागर, मनोरंजन, नीलम और अमोल को संसद से गिरफ्तार किया गया था। विशाल और उसकी पत्नी राखी को हरियाणा के गुरुग्राम से पकड़ लिया गया है, जबकि ललित फरार है। सभी आरोपी अलग-अलग राज्यों के हैं। दिल्ली पुलिस के अनुसार, सभी आरोपी भगत सिंह फैन क्लब नाम के सोशल मीडिया ग्रुप से जुड़े हुए थे।
आरोपियों ने कैसे रची साजिश?
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह सभी करीब डेढ़ साल पहले मैसूर में मिले थे और योजना पर चर्चा की। फिर सभी 9 महीने पहले चंडीगढ़ हवाई अड्डे के पास किसान आंदोलन में मिले। इसके बाद उन्होंने मार्च और जुलाई में नए संसद भवन में घुसकर उसकी रेकी की। इस दौरान उन्होंने पाया कि जूतों की अच्छे से जांच नहीं होती है। वे गैस कनस्तर जूतों में ही छिपाकर लाए थे। सभी आरोपियों पर UAPA लगाया गया है।