लॉकडाउन से नहीं मिली पर्याप्त मदद, देश में अभी बढ़ेंगे कोरोना वायरस के मामले- AIIMS निदेशक
कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे के मामलों के कारण भारत सबसे ज्यादा संक्रमित देशों की सूची में पांचवें नंबर पर पहुंच गया है। चिंता की बात यह भी है कि बढ़ते संक्रमण से जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि देश में मामलों की पीक आने में समय लगेगा। उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन से संक्रमण को कम करने में पर्याप्त मदद नहीं मिली।
लोगों ने गंभीरता से नहीं किया लॉकडाउन का पालन- गुलेरिया
इंडिया टूडे से बात करते हुए डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि लॉकडाउन सफल था, लेकिन इससे कोरोना वायरस के मामलों को कम करन में पर्याप्त मदद नहीं मिली। लॉकडाउन हटाने के समय के सवाल पर उन्होंने कहा, "लोगों ने गंभीरता से लॉकडाउन का पालन नहीं किया। इसलिए अब उन्हें जिम्मेदारी से बर्ताव करना होगा। लॉकडाउन की पाबंदियों से राहत देना जरूरी था। अब अर्थव्यवस्था और वंचित लोगों का भी ध्यान रखना होगा।"
गुलेरिया बोले- मामलों की पीक आने में लगेगा समय
देश में कोरोना वायरस मामलों के पीक पर पहुंचने से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "अभी पीक आई नहीं है। जनसंख्या को देखते हुए हमारे मामले बढ़ेंगे। हम भारत की तुलना यूरोपीय देशों से नहीं कर सकते। भारत की जनसंख्या यूरोप के कई देशों को मिलाने के बाद भी ज्यादा रहेगी।" गुलेरिया ने कहा कि भारत में मामले भले ही बढ़ रहे हैं, लेकिन यूरोप के मुकाबले यहां मृत्यु दर काफी कम है।
राज्यों में अलग-अलग समय पर आ सकती है पीक- गुलेरिया
देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के निदेशक गुलेरिया ने यह भी कहा कि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर पीक आ सकती है। किसी राज्य में मामले पहले पीक पर पहुंच जाए और किसी में बाद में। बता दें कि देश में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और दिल्ली में सबसे ज्यादा संक्रमित है। अकेले महाराष्ट्र में कुल मामलों के 35 फीसदी से ज्यादा मामले हैं। वहीं पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में भी हालात बिगड़े हैं।
दिल्ली और मुंबई में सामुदायिक प्रसार शुरू- गुलेरिया
डॉक्टर गुलेरिया ने यह भी कहा कि दिल्ली और मुंबई के हॉटस्पॉट में सामुदायिक प्रसार शुरू हो गया है। 10-12 शहरों से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि वहां सामुदायिक प्रसार शुरू हो गया है। सामुदायिक प्रसार तब शुरू होता है, जब कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाए, लेकिन यह पता न चले कि वह व्यक्ति संक्रमित कैसे हुआ। यानी जब उसके संक्रमण के स्त्रोत का पता नहीं चलेगा तो इसे सामुदायिक प्रसार माना जाएगा।
सरकार भी कह चुकी है पीक से दूर होने की बात
गुलेरिया से पहले भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने भी पीक दूर होने की बात कही थी। ICMR की वैज्ञानिक डॉक्टर निवेदिता गुप्ता ने कहा था, "हम पीक से बहुत दूर हैं। हमारे ऐहतियाती कदम बेहद प्रभावी रहे हैं। हम दूसरे देशों की तुलना में काफी बेहतर स्थिति में हैं।" जानकारी के लिए बता दें, किसी संक्रामक बीमारी में पीक का मतलब होता है कि उसके मामलों की संख्या एक बिंदु पर पहुंचकर कम होनी शुरू हो जाती है।
देश में 2.5 लाख के करीब पहुंची संक्रमितों की संख्या
भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस से संक्रमण के 9,971 मामले सामने आए और 287 लोगों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,46,628 हो गई है और 6,929 लोगों को कोरोना वायरस की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है। ये अब तक एक दिन में सामने आए सबसे अधिक मामले हैं। इसी के साथ भारत स्पेन को पीछे छोड़ दुनिया में पांचवां सबसे अधिक प्रभावित देश बन गया है।