
आर्थिक मंदी के बीच भारत को एक और झटका, मूडीज ने घटाई रेटिंग
क्या है खबर?
आर्थिक मोर्चे पर मंदी का सामना कर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को एक और झटका लगा है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की रेटिंग को 'स्थिर' से 'नकारात्मक' कर दिया है।
एजेंसी ने भारत के बजट घाटा को मार्च 2020 तक 3.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, जो सरकार के 3.3 फीसदी के लक्ष्य से नीचे है।
एजेंसी ने भारत के लिए Baa2 विदेशी-मुद्रा एवं स्थानीय मुद्रा रेटिंग की पुष्टि की है।
जानिये, पूरी खबर।
रिपोर्ट
विकास दर पर मंडरा रहा खतरा- मूडीज
मूडीज ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर पर मंडराते खतरे के कारण उसने यह कदम उठाया है।
एजेंसी ने कहा कि भारत द्वारा आर्थिक और संस्थानिक मोर्च पर लंबे समय से चली आ रही कमजोरियों को दूर करने के लिए उठाए जा रहे कदम उसके अनुमान से कम है।
मूडीज के इस फैसले से पहले S&P ग्लोबल ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते जोखिम की तरफ ध्यान दिलाया था।
अनुमान
सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़ने की संभावना- मूडीज
मूडीज ने कहा कि लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक मंदी, रोजगार सृजन की कमजोर और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं में नकदी के कमी के चलते अर्थव्यवस्था इस समय मंदी का सामना कर रही है।
मूडीज ने अनुमान जताया कि अगर आर्थिक विकास दर में तेजी नहीं आती है तो सरकार को अपना राजकोषीय घाटा पूरा करने में परेशानी आएगी और सरकार पर कर्ज का भार बढ़ेगा।
जानकारी
रेटिंग कम होने से क्या नुकसान होगा?
भारत की रेटिंग 'स्थिर' से 'नकारात्मक' होने का असर निवेश पर पड़ता है। अगर इस रेटिंग में आगे और गिरावट होती है तो भारी मात्रा में विदेशी निवेशक अपना फंड निकाल लेंगे।
प्रतिक्रिया
सरकार ने मूडीज के इस कदम पर क्या कहा है?
मूडीज की चिंताओं पर ध्यान देते हुए वित्त मंत्रालय ने बयान दिया है।
मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है और दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले यह कम प्रभावित है।
सरकार ने कहा कि उसने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए फाइनेंस सेक्टर समेत दूसरे सेक्टरों में कदम उठाए गए हैं। वैश्विक मंदी को देखते हुए कई नीतिगत निर्णय भी लिए गए हैं।
जानकारी
मूडीज ने कम किया था आर्थिक दर का अनुमान
पिछले महीने मूडीज ने 2019-20 में भारत की विकास दर का अनुमान घटाकर 5.8 प्रतिशत कर दिया था। इससे पहले उसने विकास दर 6.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई थी।
आर्थिक मंदी
RBI और IMF ने भी कही आर्थिक मंदी की बात
मूडीज की तरह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी 2019-20 में देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया था।
इससे पहले RBI ने विकास दर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था, यानि उसने अपने अनुमान में 0.8 प्रतिशत की कमी की।
इसके अलावा IMF प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जिएवा ने भी बीते दिनों कहा था कि वैश्विक मंदी का सबसे ज्यादा असर भारत पर देखने को मिल रहा है और उसकी विकास दर कम रहेगी।