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टाइट जींस पहनकर लॉन्ग ड्राइव पर गया व्यक्ति मरते-मरते बचा, जानें क्या है मामला

टाइट जींस पहनकर लॉन्ग ड्राइव पर गया व्यक्ति मरते-मरते बचा, जानें क्या है मामला

Nov 22, 2019
03:55 pm

क्या है खबर?

लॉन्ग ड्राइव पर जाना आख़िर किसे पसंद नहीं होता है। ख़ाली सड़क पर अच्छी गाड़ी में बैठकर लॉन्ग ड्राइव पर जाने का सपना हर युवा देखता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि आपकी लापरवाही की वजह से लॉन्ग ड्राइव आपकी जान भी ले सकती है। हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें टाइट जींस पहनकर लॉन्ग ड्राइव पर जाने से एक व्यक्ति को हार्ट अटैक आ गया और अस्पताल जाना पड़ा। आइए जानें पूरा मामला।

मामला

ऑटोमेटिक कार से लॉन्ग ड्राइव पर गए थे सौरभ

जानकारी के अनुसार, पश्चिम दिल्ली के रहने वाले 30 वर्षीय सौरभ शर्मा लॉन्ग ड्राइव की वजह से मरते-मरते बचे। दरअसल, पिछले महीने सौरभ टाइट जींस पहनकर अपनी ऑटोमेटिक कार से लॉन्ग ड्राइव पर गए थे, जिसकी वजह से वो पल्मोनरी एम्बोलिज्म का शिकार हो गए। ख़बरों के अनुसार, सौरभ दिल्ली से ऋषिकेश और ऋषिकेश से दिल्ली की यात्रा पर ऑटोमेटिक कार से निकले थे। कार ऑटोमेटिक थी, इसलिए ड्राइविंग के दौरान उनके बाएँ पैर का इस्तेमाल ही नहीं हुआ।

परिणाम

दिल और दिमाग ने काम करना किया बंद

टाइट जींस की वजह से पैर में ख़ून सही तरह से नहीं पहुँच पा रहा था। इस वजह से ड्राइव करते समय सौरभ के बाएँ पैर में ख़ून का थक्का बन गया। इसकी वजह से उन्हें दर्द महसूस हुआ, लेकिन शराब के नशे में उन्होंने दर्द को नज़रअंदाज़ कर दिया। ख़ून का थक्का, ख़ून के ज़रिए फेफड़ों तक पहुँच गया, जिससे उनके फेफड़ों की आर्टरी में ब्लॉकेज आ गई और उनके दिमाग और दिल के काम करना बंद कर दिया।

बयान

मैंने दर्द को कर दिया नज़रअंदाज़- सौरभ

सौरभ ने बताया, "मैं ऋषिकेश के रास्ते में था और मैंने टाइट जींस पहनी हुई थी। मेरी कार ऑटोमेटिक थी, इस वजह से मेरा बायाँ पैर बिलकुल भी नहीं हिला। मुझे पैर में दर्द महसूस हुआ, लेकिन मैंने उसे नज़रअंदाज़ कर दिया।" उन्होंने आगे कहा, "दो दिन बाद मेरा पैर सूज गया था और ऑफ़िस जानें के बाद मुझे साँस लेने में दिक्कत हो रही थी। इसके अलावा पसीने के साथ पाँच मिनट तक ब्लैकआउट का सामना भी करना पड़ा।"

इलाज

ऑफ़िस में बेहोश होकर गिर पड़े सौरभ

दो दिन बाद जब सौरभ ऑफ़िस पहुँचे तो उन्हें साँस लेने में दिक्कत होने लगी और वह अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। अस्पताल में भर्ती कराने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत ब्लड क्लॉट खोलने की दावा दी और 45 मिनट तक CPR दिया। इसके बाद जाकर सौरभ की साँस वापस आई। इलाज के बाद डॉक्टरों ने बताया कि इस पल्मोनरी एम्बोलिज्म की वजह आठ घंटे की लंबी ड्राइव थी। सौरभ का पैर अकड़ गया और बिलकुल हलचल नहीं हुई।

बीमारी

ब्लड प्रेशर कम रहने की वजह से ठीक से काम नहीं कर रही थी किडनी

नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. योगेश कुमार छाबड़ा ने बताया, "जब उन्हें लाया गया, उस समय उनकी पल्स 10-12/मिनट थी और ब्लड प्रेशर रिकॉर्ड नहीं हो रहा था। उनका पूरा शरीर नीला पड़ गया था। इमरजेंसी में कार्डियोलॉजी टीम ने CPR देकर उनकी जान बचाई।" उन्होंने आगे कहा, "24 घंटों में ब्लड प्रेशर स्थिर हो गया, लेकिन उन्हें टॉयलेट बिलकुल नहीं आ रही थी। लंबे समय तक ब्लड प्रेशर कम रहने की वजह से किडनी ने काम करना बंद कर दिया था।"

सावधानी

पल्मोनरी एम्बोलिजम है एक जानलेवा बीमारी

डॉ. योगेश ने आगे बताया कि इसके बाद तुरंत उनकी कंटिन्युअल रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी (CRRT) शुरू की गई। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह 24 घंटे जारी रहने वाला डायलेसिस है। बता दें कि पल्मोनरी एम्बोलिज्म एक जानलेवा समस्या है और इसके 50% मामलों में दिल का दौरा पड़ सकता है। इसलिए, टाइट जींस पहनकर लंबे समय तक गाड़ी भूलकर भी नहीं चलानी चाहिए। इससे आपकी जान भी जा सकती है।