कृषि कानून: एक और प्रदर्शनकारी किसान ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट छोड़ा
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे उत्तराखंड के एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। मृतक किसान की पहचान उत्तराखंड के बिलापुर के रहने वाले सरदार कश्मीर सिंह लाडी के रूप में हुई है। लाडी ने प्रदर्शन स्थल के पास एक शौचालय में फांसी से लटककर अपनी जान दे दी। उनके पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर किसानों की बात न सुनने के आरोप लगाया है।
किसानों की हालत के लिए सरकार को ठहराया जिम्मेदार
बतौर रिपोर्ट्स, लाडी ने सुसाइड नोट में किसानों की मौजूदा हालात के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। बताया जा रहा है कि वो अपने पोतों के साथ प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने नोट में लिखा है कि उनका अंतिम संस्कार गाजीपुर बॉर्डर पर उनके पोतों द्वारा किया जाना चाहिए। पुलिस ने सुसाइड नोट अपने कब्जे में ले लिया है। गौरतलब है कि सिंघु और टिकरी बॉर्डर के साथ-साथ गाजीपुर बॉर्डर पर भी प्रदर्शन हो रहे हैं।
पिछले महीने टिकरी बॉर्डर पर किसान ने की थी आत्महत्या
बीते महीने एक और प्रदर्शनकारी किसान ने टिकरी बॉर्डर पर अपनी जान दी थी। अमरजीत सिंह नामक किसान के पास से 18 दिसंबर को लिखा हुआ एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। 'तानाशाह मोदी के नाम पत्र' शीर्षक वाले इस नोट में उन्होंने किसानों के आंदोलन के समर्थन में आत्महत्या करने की बात कही थी। पंजाब के फाजिल्का जिले के रहने वाले अमरजीत सिंह ने लिखा कि कृषि कानूनों से किसान और मजदूर छला हुआ महसूस कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश में भी किसान ने की आत्महत्या
दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में बिजली कंपनी के कथित उत्पीड़न से तंग होकर एक किसान ने आत्महत्या कर ली। घटना छत्तरपुर जिले के एक गांव की बताई जा रही है। 35 वर्षीय मृतक किसान मुनेंद्र राजपूत ने मौत से पहले प्रधानमंत्री मोदी के नाम एक पत्र लिखकर अपना शव सरकार को सौंपने की मांग की ताकि उनके शरीर के अंग बेचकर बकाया राशि का भुगतान किया जा सके। उनके परिवार में तीन बेटी और एक बेटा है।
87,000 रुपये के बकाया बिल के लिए कंपनी ने बनाया दबाव- परिजन
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, मृतक किसान के परिजनों ने आरोप लगाए हैं कि 87,000 रुपये के बिल के बकाये के कारण बिजली वितरण कंपनी ने उनकी आटा चक्की और मोटरसाइकिल जब्त कर ली थी। परिवार का कहना है कि मुनेंद्र की फसल खराब हो गई थी, जिस कारण वह बिल नहीं चुका पाए। बिजली वितरण कंपनी ने नोटिस देने के कुछ दिन बाद उनकी मोटरसाइकिल और आटा चक्की जब्त कर ली गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
किसान ने नोट में लिखी ये बातें
किसान ने नोट में लिखा कि जब बड़े राजनेता और व्यापारी घोटाले करते हैं तो सरकारी कर्मचारी कोई कदम नहीं उठाते। अगर वो लोन लेते हैं तो इस चुकाने के लिए उन्हें पर्याप्त समय मिलता है या लोन माफ कर दिया जाता है, लेकिन अगर कोई गरीब आदमी छोटा लोन भी लेता है तो सरकार उससे यह पूछने की बजाय कि वह लोन क्यों नहीं चुका पा रहा है, उसे सरेआम बेइज्जत करेगी।