कुंभ में बसंत पंचमी पर अमृत स्नान: वाहनों का प्रवेश बंद, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
क्या है खबर?
प्रयागराज कुंभ में 3 फरवरी को बसंत पंचमी के मौके पर तीसरा अमृत स्नान होगा।
29 जनवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर मची भगदड़ के बाद इस बार प्रशासन ने चाक-चौबंद तैयारियां की हैं।
सभी तरह के वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है, हेलीकॉप्टर से निगरानी रखी जा रही है और रेलवे स्टेशन पर आने और जाने के रास्ते अलग-अलग किए गए हैं।
आइए जानते हैं अमृत स्नान के लिए कैसी तैयारियां हैं।
वाहन
4 फरवरी तक वाहनों के प्रवेश पर रोक
बसंत पंचमी स्नान को देखते हुए 4 फरवरी तक मेला क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया गया है।
4 फरवरी तक लोगों को अपने वाहन शहर के बाहर पार्किंग में खड़े करने होंगे। यहां से वे बस से या पैदल मेला क्षेत्र तक जा सकेंगे। बड़े और छोटे वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग बनाई गई है।
प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के आने और जाने के रास्ते अलग-अलग किए गए हैं।
अधिकारी
कुंभ का अनुभव रखने वाले वरिष्ठ IAS अधिकारियों की तैनाती
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2019 के अर्धकुंभ को सफलतापूर्वक आयोजित करा चुके 2 वरिष्ठ IAS अधिकारी- आशीष गोयल और भानु चंद्र गोस्वामी को तैनात किया है। इन दोनों के पास भीड़ प्रबंधन और अंतर-एजेंसी समन्वय की गहरी समझ है।
ये दोनों मेला अधिकारी विजय किरण आनंद के साथ मिलकर भीड़ प्रबंधन और बाकी व्यवस्थाओं को संभाल रहे हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) भानु भास्कर भीड़ नियंत्रण उपायों की निगरानी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री का निर्देश- कोई भी चूक न हो
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज प्रयागराज का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पूरे शहर का हवाई सर्वे किया और कुंभ क्षेत्र की सड़कों और मेला क्षेत्र का भी निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री ने संगम नोज पहुंचकर मौनी अमावस्या के दिन हुए हादसे की जानकारी ली और लोगों से बातचीत की।
योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बसंत पंचमी पर किसी भी तरह की चूक नहीं होनी चाहिए। वे अस्पताल जाकर भगदड़ में घायल हुए लोगों से भी मिले।
घाट
घाट पर स्नान के बाद नहीं रुक सकेंगे श्रद्धालु
उत्तर प्रदेश के ADG कानून व्यवस्था और STF चीफ अमिताभ यश भी आज घाटों की सुरक्षा व्यवस्था देखने पहुंचे। उन्होंने नाव से निरीक्षण किया और अधिकारियों से बात की।
वहीं, ADG भास्कर ने श्रद्धालुओं से अनुरोध करते हुए कहा, "स्नान के बाद घाटों पर न रुकें। क्षेत्र को खाली कर दें, ताकि अन्य श्रद्धालु स्नान कर सकें।"
उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि घाटों पर कहीं भी भीड़ न हो।
भगदड़
भगदड़ में मारे गए थे 30 लोग
कुंभ मेले में 28-29 जनवरी की दरमियानी रात मौनी अमावस्या के मौके पर भगदड़ मच गई थी। इसमें आधिकारिक तौर पर 30 लोग मारे गए थे और 60 घायल हुए थे। कई घायलों का अभी भी इलाज चल रहा है।
सरकार ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है।
भगदड़ की विस्तृत जांच के लिए सरकार ने 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया है।