कोलकाता मामला: CBI को जांच में किन बाधाओं का करना पड़ रहा सामना? अधिकारी ने बताया
क्या है खबर?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या की घटना को एक महीना बीच चुका है।
इस मामले में देशभर में आक्रोश फैला हुआ है और जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की टीम कर रही है, लेकिन घटना स्थल की स्थिति सहित अन्य कई चीजें जांच में बाधा बनी हुई है।
इससे अभी तक एक ही गिरफ्तारी हो पाई है। इस बीच CBI अधिकारी ने जांच में आ रही बाधाओं का खुलासा किया है।
अपराध स्थल
अपराध स्थल पर तोड़फोड़ से नष्ट हुए कई सबूत
NDTV के अनुसार, CBI अधिकारी ने PTI से कहा कि वह अपराध स्थल से सबूतों की कमी के कारण कई बिंदुओं को जोड़ने में असमर्थ थे और इससे जांच प्रभावित हुई है। कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ संदीप घोष ने घटना के अगले दिन सेमिनार हॉल के पास शौचालय को ध्वस्त करने का आदेश दिया था।
अधिकारी ने बताया कि जब लोक निर्माण विभाग ने इलाके में तोड़फोड़ का काम शुरू किया तो मौके से महत्वपूर्ण सबूत खत्म हो गए।
बचाव
कोलकाता पुलिस ने किया था सबूतों छेड़छाड़ होने से इनकार
अधिकारी ने बताया कि 14 अगस्त की रात अस्पताल में भीड़ द्वारा की गई हिंसा के बाद अपराध स्थल से छेड़छाड़ के सवाल उठे थे। हालांकि, कोलकाता पुलिस ने अपराध स्थल के सुरक्षित होने की बात कही थी।
पुलिस ने कहा था कि सेमिनार हॉल में मिला शव एक हिस्से में था और हॉल में जमा भीड़ उस हिस्से से अलग थी। ऐसे में घटना स्थल से छेड़छाड़ नहीं हुई। इस संबंध में झूठी खबरें फैलाई जा रही है।
गैंगरेप
गैंगरेप की जांच पर क्या बोले अधिकारी?
पीड़िता के परिजनों की ओर से गैंगरेप का दावा किए जाने के सवाल पर अधिकारी ने कहा, "इस मामले में सबूतों की कमी है। यही वजह है कि हमारे अधिकारी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। परिस्थितिजन्य सबूत, लोगों से पूछताछ और DNA सबूत पीड़िता पर यौन हमले में कई लोगों की संलिप्तता नहीं दिखाते हैं।"
उन्होंने कहा, "DNA जांच रिपोर्ट में पीड़िता और मुख्य आरोपी और नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय के बीच ही मिलान पाया गया है।"
जानकारी
सभी जांचों में सामने आई एक ही जैसी बात
अधिकारी ने कहा, "पीड़िता और रॉय से एकत्र नमूनों की अलग-अलग DNA प्रोफाइलिंग और अपराध स्थल से जब्त किए गए अन्य साक्ष्यों के साथ DNA की तुलना कराने पर वारदात में एक ही आरोपी रॉय के शामिल होने की पुष्टि हो रही है।"
अनियमितताएं
वित्तीय अनियमताओं में डॉ घोष के अलावा अन्य लोग भी शामिल
अधिकारी ने बताया कि इस मामले की जांच के दौरान अस्पताल में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का पता चला है। इसमें पूर्व प्रधानाचार्य डॉ घोष सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, कई अन्य नाम भी सामने आए हैं।
अधिकारी ने बताया कि वित्तीय अनियमितताओं को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था। हालांकि, कुछ मामलों में वित्तीय कदाचार के निशान नहीं मिले हैं। हालांकि, कुछ रिकॉर्ड अभी सामने नहीं आ पाए हैं।
आरोप
डॉ घोष ने वित्तीय अनियमितताओं में निभाई मुख्य भूमिका
CBI अधिकारी ने बताया कि डॉ घोष ने धन की हेराफेरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 2022 से 2023 तक प्रधानाचार्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 84 अवैध नियुक्तियां कर मोटा लाभ कमाया था।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) कथित वित्तीय अनियमितताओं की एक साथ जांच कर रहा है। जांच में पाया गया कि पूर्व प्रधानाचार्य और उनकी पत्नी के पास दक्षिण 24 परगना जिले में एक आलीशान बंगला और अन्य संपत्ति है।
पृष्ठभूमि
क्या है महिला डॉक्टर की हत्या का मामला?
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर की हत्या से पहले रेप की पुष्टि हुई थी।
उसकी आंख, मुंह, पैर, गर्दन, हाथ, कमर और निजी अंगों पर काफी चोटें थीं।
मामले में पुलिस ने अस्पताल में आने-जाने वाले एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया है और उसका पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया गया है। फिलहाल CBI की टीम मामले की जांच में जुटी हुई है।
रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने CBI से मांगी तथ्यात्मक स्थिति रिपोर्ट
इस मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें CBI और पश्चिम बंगाल सरकार ने अपनी-अपनी स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इस दौरान कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से मामले में FIR दर्ज कराने और मृत्यु प्रमाणपत्र बनाए जाने के समय और पूर्व प्रधानाचार्य घोष के घर से घटन स्थल की दूरी की जानकारी मांगी।
इस दौरान कोर्ट ने CBI की रिपोर्ट को देखते हुए उसे 16 सितंबर तक ताजा तथ्यात्मक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया।