कोलकाता कांड में आरोपी संजय रॉय का केस लड़ रही वकील कबिता सरकार कौन हैं?
क्या है खबर?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले में पुलिस ने एक आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया है। संजय को 22 अगस्त को कोर्ट में पेश किया गया।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए कबिता सरकार को आरोपी संजय का वकील नियुक्त किया है।
बता दें कि आरोपी का केस लड़ने के लिए कोई वकील तैयार नहीं था, जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी को वकील मुहैया कराया है।
कबिता सरकार
कौन हैं कबिता सरकार?
रिपोर्ट के मुताबिक, 52 वर्षीय कबिता ने पश्चिम बंगाल के हुगली मोहसिन कॉलेज से कानून की पढ़ाई की है।
उन्होंने वकालत की शुरुआत अलीपुर कोर्ट से की, जहां पर शुरुआत में वे सिविल केस लड़ती थीं। फरवरी, 2023 में उन्होंने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (SALSA) वकील के रूप में आपराधिक मामलों को देखना शुरू किया।
जून, 2023 से वे सियालदह कोर्ट में काम कर रही हैं। वे बीते 25 सालों से वकालत कर रही हैं।
सुनवाई
हर किसी को निष्पक्ष सुनवाई का हक- कबिता
ToI से बात करते हुए कबिता ने कहा, "दूसरे लोगों की तरह मैं भी पीड़ित डॉक्टर बिटिया के लिए इंसाफ चाहती हूं। लेकिन मेरे लिए न्याय कोर्ट की सुनवाई के बाद है, न कि उससे पहले। इस देश में हर किसी को निष्पक्ष सुनवाई का हक है, चाहे वह आरोपी ही क्यों न हो। मैं अपना काम कर रही हूं। मेरा काम उन आरोपियों का पक्ष रखना है, जिनको वकील नहीं मिलते हैं।"
फांसी
फांसी के विरोध में हैं कबिता
कबिता ने कहा, "मैं निजी तौर पर मृत्युदंड की मांग का समर्थन नहीं करती हूं। आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान सबसे बड़ा दंड है। किसी भी व्यक्ति को उनके जीवन में अपने अंदर झांकने यानी आत्मनिरीक्षण करने और अपराध के लिए अफसोस करने का मौका दिया जाना चाहिए। हमेशा याद रखना चाहिए कि कानून कहता है कि जब तक कोई व्यक्ति दोषी साबित नहीं हो जाता, तब तक वो निर्दोष है।"
अपील
कबिता ने की ये अपील
कबिता ने बताया कि उन्होंने अभी तक आरोपी की पैरवी की बात अपने माता-पिता को नहीं बताई है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने मीडिया से अपील करते हुए कहा, "मेरी फोटो न छापी जाए। लोगों में बहुत गुस्सा है। मैं डरती नहीं हूं, लेकिन मैं नहीं चाहती कि जिस मुकदमे को लड़ने की जिम्मेदारी मुझे मिली है, उससे मेरा ध्यान भटके। ऐसा यह अकेला मामला नहीं है। पहले भी मैंने ऐसा किया है।"
पैरवी
पैरवी के लिए कबिता को ही क्यों चुना गया?
जब किसी व्यक्ति का पक्ष रखने के लिए कोई वकील तैयार नहीं होता है तो कोर्ट उसे खुद अपनी पैरवी करने या वकील मुहैया कराने का विकल्प देता है।
इस मामले में भी वकीलों ने आरोपी संजय का केस लड़ने से इनकार कर दिया था। ऐसे में कोर्ट ने कबिता को ये मामला सौंपा, क्योंकि वह सियालदाह में SALSA की इकलौती वकील हैं।
कबिता ने कहा कि वे पैरवी के दौरान वरिष्ठ वकील सौरब बनर्जी का साथ चाहती हैं।