नीति आयोग ने जारी की स्वास्थ्य सूचकांक रैकिंग, केरल ने हासिल किया शीर्ष स्थान
क्या है खबर?
नीति आयोग ने देश के राज्यों के कामकाज सम्बंधी 'स्वस्थ राज्य, प्रगतिशील भारत' के चौथा संस्करण के तहत सोमवार को स्वास्थ्य सूचकांक रैकिंग जारी की है।
इसमें समग्र स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदर्शन के मामले में केरल ने फिर से शीर्ष स्थान हासिल किया है। इसके उलट उत्तर प्रदेश में स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही है।
यह स्वास्थ्य सूचकांक रैंकिंग साल 2019-20 में राज्यों द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में किए गए प्रदर्शन के आधार पर जारी की गई है।
अन्य
तमिलनाडु ने दूसरा तो तेलंगाना ने हासिल किया तीसरा स्थान
NDTV के अनुसार, नीति आयोग की स्वास्थ्य सूचकांक रैकिंग में तमिलनाडु ने दूसरा, तेलंगाना ने तीसरा, आंध्र प्रदेश ने चौथा और महाराष्ट्र ने पांचवां स्थान हासिल किया है।
इसी तरह छोटे राज्यों में मिजोरम पहले, त्रिपुरा दूसरे, सिक्किम तीसरे, गोवा चौथे और मेघायल पांचवें स्थान पर रहा है।
इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेशों में दादर नागर हवेली पहले, चंडीगढ़ दूसरे, लक्षद्वीप तीसरे, पुडुचेरी चौथे स्थान पर रहे हैं। लक्षद्वीप ने अपनी स्थिति में सुधार किया है।
फिसड्डी
उत्तर प्रदेश रहा सबसे फिसड्डी राज्य
बड़े राज्यों में समग्र स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे फिसड्डी रहा है। हालांकि, उसने 2018-19 की तुलना में काफी सुधार किया है।
इसी तरह बिहार चीने से दूसरे, मध्य प्रदेश तीसरे, राजस्थान चौथे और उत्तराखंड पांचवें स्थान पर रहा है।छोटे राज्यों में नागलैंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर फिसड्डी रहे हैं।
केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले साल दिल्ली और जम्मू-कश्मीर सबसे फिसड्डी थे, लेकिन इस पर वह क्रमश: पांचवें और छठे स्थान पर आ गए हैं।
शुरुआत
साल 2017 में हुई थी स्वास्थ्य सूचकांक की शुरुआत
बता दें कि नीति आयोग ने साल 2017 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और विश्व बैंक के साथ मिलकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और विकास की ट्रैकिंग के लिए वार्षिक स्वास्थ्य सूचकांक की शुरुआत की थी।
इसका उद्देश्य स्वास्थ्य नतीजों की प्रगति और स्वास्थ्य प्रणालियों के कामकाज को ट्रैक करना, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का विकास करना, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक-दूसरे से सीखने के लिये प्रोत्साहित करना है।
प्रक्रिया
कैसे किया जाता है मूल्यांकन?
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए स्वास्थ्य सूचकांक रैंकिंग का मूल्यांकन हर साल की प्रगति रिपोर्ट तथा मौजूदा कामकाज के आधार पर किया जाता है। इसमें आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक लोगों की पहुंच और अन्य स्वास्थ्य नतीजों पर भी गौर किया जाता है।
इस रैंकिंग के लिए 24 संकेतकों को शामिल किया गया है, जो स्वास्थ्य क्षेत्र में कामकाज के प्रमुख पक्षों से जुडें है। इस रिपोर्ट के दायरे में स्वास्थ्य नतीजे, शासन और सूचना और प्रक्रियाएं आती हैं।