Page Loader
गंगा नदी के पानी में नहीं मिली कोरोना वायरस की मौजूदगी, अध्ययन में हुआ खुलासा
गंगा नदी पर किए गए अध्ययन में पानी में नहीं मिली है कोरोना वायरस की मौजूदगी।

गंगा नदी के पानी में नहीं मिली कोरोना वायरस की मौजूदगी, अध्ययन में हुआ खुलासा

Jul 08, 2021
01:18 pm

क्या है खबर?

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार के गंगा नदी के तटवर्ती इलाकों में दर्जनों शव मिले थे। उसके बाद लोगों में नदी के पानी से संक्रमण फैलने का डर बन गया था। विशेषज्ञों ने भी इसको लेकर चिंता जताई थी। इसको लेकर सरकार ने विशेषज्ञों से गंगा नदी के पानी की जांच की गई थी। इस जांच में पानी में कोरोना वायरस की मौजूदगी नहीं पाई गई है।

पृष्ठभूमि

गंगा नदी में कई दिनों तक लगातार मिले थे शव

बता दें कि मई में बिहार में बक्सर के चौसा मेेें महादेव घाट पर 50 से अधिक शव तैरते मिले थे। हालांकि, अधिकारियों ने उनका उत्तर प्रदेश से बहकर आना बताया था। उसके बाद गाजीपुर में गंगा नदी में दर्जनों शव तैरते मिले थे। ये सभी शव कोरोना संक्रमितों के बताए जा रहे थे। उसके बाद लोगों में नदी के पानी से संक्रमण फैलने का डर बैठ गया था। बाद में सरकार ने पानी की जांच कराई थी।

जांच

जल शक्ति मंत्रालय ने कराई थी पानी की जांच

लोगों में गंगा के पानी से संक्रमण फैलने के डर को देखते हुए जल शक्ति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा पानी की जांच कराई गई थी। इसमें वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (IITR) लखनऊ, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सहयोग किया था। इसमें विभिन्न जगहों से गंगा के पानी के नमूने लिए गए थे और उनकी जांच की गई थी।

राहत

जांच में नहीं मिली कोरोना वायरस की मौजूदगी

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, विशेषज्ञों ने कन्नूज, उन्नाव, कानपुर, हमीरपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, बलिया, बक्सर, गाजीपुर, पटना और छपरा से गुजर रही गंगा नदी से पानी के सैंपल लिए थे। इनका दो चरणों में वायरोलॉजिकल अध्ययन किया गया था। अध्ययन से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि जांच में गंगा के पानी में SARS-CoV2 की मौजूदगी नहीं मिली है। इस अध्ययन में वायरल लोड को निर्धारित करने के लिए पानी के नमूनों से वायरस के RNA को निकाला गया था।

अन्य

अध्ययन के दौरान की गई थी नदी की जैविक विशेषताओं की भी जांच

अध्ययन में शामिल विशेषज्ञों ने बताया कि जांच में पानी में कोरोना वायरस का पता लगाने के साथ नदी की जैविक विशेषताओं की भी जांच की गई थी। इसमें नदी का पानी काफी उपयोगी मिला था। उन्होंने कहा कि नदी का पानी बहता रहता है, ऐसे में इसमें वायरस का पनपना नामुमकिन है। बता दें इस अध्ययन की रिपोर्ट आने के बाद अब लोगों के मन चल रहा पानी से संक्रमण के फैलने का डर काफी हद तक कम होगा।