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केरल: बिना हाथों के पैरों से परीक्षा लिखकर इस छात्रा ने प्राप्त की A+ ग्रेड

केरल: बिना हाथों के पैरों से परीक्षा लिखकर इस छात्रा ने प्राप्त की A+ ग्रेड

Jun 09, 2019
08:39 pm

क्या है खबर?

आज हम आपको एक ऐसी खबर बताने वाले हैं, जिसको सुनकर आपको हैरानी होगी। देविका और उसके माता-पिता को लगता है कि इस साल 10वीं की परीक्षा में सभी विषयों में A+ स्कोर करना कोई असाधारण बात नहीं है। बता दें कि 10वीं के सभी विषयों में A+ स्कोर करना हमें या आपको असाधरण क्यों लगेगा। केरल में देविका ने 10वीं में सभी विषयों में A+ स्कोर की है। देविका ने पैरों से परीक्षा लिखकर A+ स्कोर की है।

देविका

बिना हाथों के ही हुआ जन्म

केरल के मलप्पुरम की रहने वाली देविका ने अपने पैरों से अपनी सारी परीक्षाएं लिखी हैं। जहां एक तरफ बाहर के लोगों के लिए काफी बड़ी बात हैं, वहीं उनके लिए यह रोज़ का काम है। आपको बता दें कि देविका जन्म से ही बिना हाथों के अपना सारा काम करती हैं। ऐसे ही बिना हाथों के पैदा हुई देविका ने हमेशा ऐसे ही लिखा है। देविका के पिता सजीव तेनालीम पुलिस स्टेशन में एक वरिष्ठ सिविल पुलिस अधिकारी हैं।

सम्मान

पुलिस प्रमुख लोकनाथ ने किया सम्मानित

The News Minute में छपी एक खबर के अनुसार पुलिस प्रमुख लोकनाथ ने देविका को सम्मानित करते हुए कहा कि यह उसकी इच्छा शक्ति और मानसिक शक्ति ही है, जिसने उसे सफल होने में मदद की है। उसके माता-पिता का कहना है कि देविका एक औसत छात्र है। देविका को उनकी गृहिणी माँ सुजीत ने अपने पैरों की उंगलियों के बीच पेंसिल पकड़ कर वर्णमाला सीखने के लिए कहा था, जब वह स्कूल जाने के लिए तैयार थीं।

जानकारी

सोशल स्टीज पढ़ना है पंसद

देविका मलयालम, अंग्रेजी और हिंदी में लिख सकती हैं। उन्होंने वल्लिकुनु में चंदन ब्रदर्स हायर सेकेंडरी स्कूल से 10वीं की पढ़ाई पूरी की और अब उन्होंने 11वीं के लिए ह्यूमैनिटीज़ को चुना है। देविका को सोशल स्टडीज पढ़ना और गाना पसंद है।

पैंटिंग

लिखने के अलावा करती हैं बहुत अच्छी पैंटिंग

लिखने के अलावा देविका अपने पैरों का उपयोग करके पैंटिंग बना लेती हैं। हाल ही में देविका की पैंटिंग को कोझिकोड के स्वप्नचित्रा आर्ट्स गैलरी में विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए एक विशेष प्रदर्शनी में दिखाया गया था। दो पेपरों के लिए उसने अतिरिक्त समय का उपयोग किया था, लेकिन अन्य सभी पेपरों में उसने सामान्य छात्रों की तरह लिखित परीक्षा दी है। जिसमें विकलांग व्यक्तियों को कोई अतिरिक्त समय नहीं दिया गया।

पास प्रतिशत

इतना रहा पास प्रतिशत

इस महीने की शुरुआत में SSLC के रिजल्ट जारी कर दिए गए थे। इस साल केरल में कुल पास प्रतिशत 98.11 प्रतिशत रहा है। अगर हम पिछले साल की बात करें, तो पिछल साल से इस साल पास प्रतिशत में 0.27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। शायद यही कारण है कि देविका के माता-पिता उनके द्वारा स्करो की गई A+ ग्रेड को इतनी बड़ी बात नहीं मानते हैं।