केरल के कैथोलिक चर्च ने बनाई अपनी सेना, पूर्व सैनिक और अर्धसैनिक बल शामिल
क्या है खबर?
केरल में कैथोलिक चर्च ने रिटायर्ड सैनिक और अर्धसैनिक बलों की एक यूनिट बनाई है।
ईसाइयों की पवित्र किताब बाइबल के देवदूत गैब्रिएल के नाम पर इस यूनिट का नाम 'गैब्रिएल सेना' रखा गया है।
इस सेना का मुख्य मकसद भीड़ को नियंत्रित करना बताया गया है।
हालांकि, ईसाई धर्म को मानने वाले कुछ लोगों में इसके दुरुपयोग को लेकर संशय है।
बता दें कि ये पहली बार है जब केरल में किसी चर्च ने ऐसे कोई सेना बनाई है।
बयान
सेना के निदेशक ने कहा, पूर्व सैनिकों को बनना चाहिए धर्म का संरक्षक
गैब्रिएल सेना का गठन पिछले महीने कन्नूर में किया गया था और 15 नवंबर को जिले के तालीपरम्बा इलाके में इसकी पहली बैठक होगी।
सेना के निदेशक मैथ्यू असारीपराम्बिल ने कहा कि रिटायर्ड सैन्य और अर्धसैनिक जवानों को धर्म का संरक्षक और आदर्शों का योद्धा बनना चाहिए।
उनके अनुसार, इस सेना का इस्तेमाल मुख्यतौर पर भीड़ को काबू में करने के लिए किया जाएगा और दिसंबर में कन्नूर में चर्च की किसान रैली में उन्हें पहली बार तैनात किया जाएगा।
सांप्रदायिक एजेंडा
मैथ्यू ने कहा, सेना का कोई सांप्रदायिक एजेंडा नहीं
बैठक के बारे में जानकारी देते हुए मैथ्यू ने बताया कि उन्हें 15 नवंबर को पहली बैठक में 150 लोगों के आने की उम्मीद है।
सेना का कोई भी सांप्रदायिक एजेंडा न होने की बात कहते हुए उन्होंने कहा, "कोई भी कैथोलिक इससे जुड़ने को स्वतंत्र है। हमने सभी पूर्व सैनिकों को हमसे जुड़ने का अनुरोध किया है। अन्य संगठनों के साथ जुड़े लोग भी उनके साथ अपने संबंध बरकरार रखकर सेना का हिस्सा बन सकते हैं।"
बयान
चर्च को अपनी सेवाएं देकर खुश हैं पूर्व सैनिक
सेना में शामिल एक पूर्व सैनिक अलेक्जेंडर टी ने कहा कि वह चर्च को अपनी सेवाएं देकर खुश है। उन्होंने कहा, "हम पूर्व सैनिकों में कौशलों की भरमार है। हम स्वयंसेवकों की तरह काम कर सकते हैं और चर्च के कार्यक्रम संभाल सकते हैं। "
चिंताएं
चर्च के पादरियों पर आरोपों के बीच सेना के गठन को लेकर चिंता
सभी में गैब्रिएल सेना के गठन को लेकर अलेक्जेंडर जैसी उत्सुकता नहीं है और कुछ लोग इसे लेकर संशय में भी हैं।
खासकर ये देखते हुए कि इसका गठन ऐसे समय पर हुआ है जब चर्च के पादरियों पर ईसाई धर्म के मानने वाले कई लोगों ने सवाल उठाए हैं।
इनमें रेप से लेकर जमीन विवाद तक शामिल हैं।
हाल ही में जमीन विवाद में फंसे कार्डिनल जॉर्ज एलेनचेरी के इस्तीफे की मांग की गई थी।
चर्चों में लड़ाई
केरल के चर्चों में भी चल रही प्रभुत्व की लड़ाई
इससे पहले पिछले साल बिशप फ्रैंको मुलक्कल परकेरल की एक नन का रेप करने का आरोप लगा था।
इसे लेकर ननों के एक समूह ने जमकर प्रदर्शन किया था, जिससे बने दबाव के कारण मुलक्कल की गिरफ्तारी संभव हो पाई। बाद में उसे बिशप के पद से भी हटा दिया गया।
इसके अलावा केरल के चर्चों के बीच इस समय प्रभुत्व और संपत्ति पर नियंत्रण की लड़ाई भी चल रही है
प्रतिक्रिया
आम ईसाइयों की संस्था ने कहा, खतरनाक है सेना का गठन
आम ईसाइयों की नेतृत्व करने वाली संस्था संयुक्त ईसाई परिषद के सचिव जॉर्ज जोसेफ से जब चर्च के सेना बनाए जाने पर सवाल किया गया तो उन्होंने इसे लेकर चिंता जाहिर की।
उन्होंने कहा, "मौजूदा परिस्थिति में जब चर्च प्रभुत्व और संपत्ति पर कब्जे के लिए आपस में लड़ रहे हैं, ऐसी सेना का गठन खतरनाक है। खासकर ये देखते हुए कि इसे पादरियों का विरोध करने वाले आम ईसाइयों को डरा-धमकाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।"