कोरोना का कहर: बढ़ते मामलों को देखते हुए केरल में 8-16 मई तक लॉकडाउन का ऐलान
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने गुरुवार को राज्य में 8-16 मई तक लॉकडाउन लागू करने का ऐलान किया है। देश के दूसरे सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य में संक्रमण की रफ्तार धीमी करने के लिए यह फैसला लिया गया है। फिलहाल राज्य में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू के अलावा दूसरी कई पाबंदियां लागू हैं। अब शनिवार से यहां अगले रविवार तक पूर्ण लॉकडाउन लागू हो जाएगा। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दी थी पूर्ण लॉकडाउन की सलाह
राज्य सरकार ने पहले सरकारी कार्यालयों को क्षमता से कम संचालन और गैरजरूरी यात्रा पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और पुलिस विभाग ने सरकार को सलाह दी कि मौजूदा पाबंदियां संक्रमण पर काबू पाने में पर्याप्त साबित नहीं हो रही हैं और स्थिति सुधारने के लिए पूर्ण लॉकडाउन की जरूरत है। गौरतलब है कि केरल से पहले देश के कई और राज्य भी लॉकडाउन का ऐलान कर चुके हैं।
केरल में बीते दिन मिले रिकॉर्ड मरीज
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, केरल में बीते दिन कोरोना के 41,953 नए मामले सामने आए और 58 मरीजों की मौत हुई। महामारी की शुरुआत के बाद राज्य में एक दिन में मिले ये सबसे ज्यादा मरीज हैं। इसी के साथ यहां संक्रमितों की संख्या 17,43,932 हो गई है। इनमें से 5,565 मौतें हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में 3.75 लाख सक्रिय मामले हैं। संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफे से स्वास्थ्य व्यवस्था पर बोझ बढ़ता जा रहा है।
26 प्रतिशत के आसपास बनी है पॉजीटिविटी रेट
फिलहाल केरल में पॉजीटिविटी रेट लगभग 26 प्रतिशत के आसपास बनी हुई है। मंगलवार को मुख्यमंत्री विजयन ने कहा था कि ऊंची पॉजिटिविटी रेट के चलते आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या और तेजी से बढ़ सकती है।
केरल ने केंद्र से मांगी 1,000 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन
कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने हाल ही में केंद्र से विदेशों से मिली मदद में से 1,000 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन, टैंकर, PSA प्लांट, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और वेंटिलेटर की मांग की थी। मुख्यमंत्री विजयन ने इस संबंध में प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भी लिखा था। उन्होंने कहा था कि अभी उन्हें उनके हिस्से की मदद दी जाए और बाकी मांग आगामी दिनों में पूरी की जा सकती है।
अस्पतालों में आधे से ज्यादा बिस्तर भरे
मुख्यमंत्री ने बताया था कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध ऑक्सीजन बिस्तरों में से 61 प्रतिशत और दूसरे सरकारी अस्पतालों में 51 प्रतिशत ऑक्सीजन बिस्तर भर चुके हैं। निजी अस्पतालों में केवल 33 प्रतिशत ऑक्सीजन बिस्तर ही खाली बचे हैं। अगर ICU बिस्तरों की बात करें तो सरकारी अस्पतालों में 61 प्रतिशत से ज्यादा बिस्तरों पर मरीज भर्ती हैं। इसी तरह सरकारी अस्पतालों के 27 प्रतिशत वेंटिलेटर वाले बिस्तरों पर मरीज भर्ती हैं।
देश में संक्रमण की क्या स्थिति?
पिछले कुछ हफ्तों से भारत महामारी की दूसरी और अधिक खतरनाक लहर का सामना कर रहा है, जिससे हालात भयावह होते जा रहे हैं। बीते दिन देश में कोरोना के 4,12,262 नए मामले सामने आए और 3,980 मरीजों की मौत हुई। महामारी की शुरुआत के बाद ये एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा नए मामले और मौतें हैं। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,10,77,410 हो गई है। इनमें से 2,30,168 लोगों की मौत हुई है।