भारतीय इंजीनियर को कुलभूषण की तरह फंसाना चाहता था पाकिस्तान, खुफिया एजेंसियों ने नाकाम की साजिश
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी यात्रा से पहले पाकिस्तान ने भारत को कठघरे में खड़ा करने के लिए बड़ी साजिश रची थी, लेकिन समय रहते इसका पर्दाफाश हो गया।
दरअसल, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में काम कर रहे एक भारतीय इजीनियर वेनुमाधव डोंगरा को आतंकवाद के मामले से जोड़ने की योजना बनाई थी।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने समय रहते इस साजिश कों भांप लिया और डोंगरा को दूसरा कुलभूषण जाधव बनने से बचा लिया।
आइये, यह पूरा मामला जानते हैं।
साजिश
डोंगरा को आतंकी संगठन से जोड़ने की साजिश
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, डोंगरा अफगानिस्तान में काम कर रही RPG ग्रुप की कंपनी KEC में इंजीनियर थे।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने मार्च में साजिश रची कि डोंगरा को पेशावर एयरबेस पर हमला करने वाले आतंकी संगठन से जोड़ा जाए। इस हमले में 29 लोग मारे गए थे।
साजिश के तहत डोंगरा को अफगानिस्तान में काम कर रही एक प्राइवेट कंपनी का कर्मचारी बताया जाता और उन्हें UNSC की प्रतिबंध कमेटी की लिस्ट में शामिल करवाया जाता।
साजिश
चीन की मदद से दिया जाता साजिश को अंजाम
पाकिस्तान ने अपने करीबी दोस्त चीन की मदद से डोंगरा को UNSC की प्रतिबंध कमेटी की सूची में शामिल करने की तैयारी की थी।
इसके लिए पाकिस्तान ने डोंगरा पर अलकायदा और इस्लामिक स्टेट की आतंकी गतिविधियों में मदद करने, आर्थिक सहायता और योजना बनाने आदि में सहायता करनेे के आरोप लगाए।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की यह कमेटी वैश्विक आतंकवादियों की घोषणा करती है। भारत इस कमेटी का सदस्य नहीं है। इसलिए उसे इसकी भनक तक नहीं लगी।
वापसी
इस महीने भारत वापस लौटे डोंगरा
पाकिस्तान ने डोंगरा को आतंक के मामले में पकड़ने की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियां उन्हें इस महीने की शुुरुआत में सुरक्षित वापस भारत ले आई।
हालांकि, तालिबान ने उनकी कंपनी के छह अन्य कर्मचारियों को बंधक बना लिया है।
अगर डोंगरा को वापस भारत नहीं लाया जाता तो हो सकता था कि ISI अफगानिस्तान से उनका अपहरण कर लेती। यह ठीक वैसे ही होता, जैसा कुलभूषण जाधव के मामले में हुआ था।
डोजियर
पाकिस्तान ने झूठे आरोपों के आधार पर तैयार किया था डोजियर
डोंगरा ने पावर सिस्टम में M.Tech की पढ़ाई की है। अफगानिस्तान में प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर काम कर रहे डोंगरा का पहला प्रोजेक्ट इस साल जनवरी में खत्म हुआ था।
खुफिया अधिकारियों ने बताया कि ISI ने डोंगरा के खिलाफ झूठी FIR, फोटो और दूसरे झूठे सबूतों के आधार पर डोजियर तैयार कर लिया था।
इसमें उन्हें पाकिस्तान विरोधी संगठन जैसे जमात-उल-अहरर, तारीक गिदार ग्रुप, TTP, लश्कर-ए-झांगवी आदि का फाइनेंशर और हथियार आपूर्तिकर्ता दिखाया गया था।
FIR
11 मार्च को हुई डोंगरा के खिलाफ FIR
पाकिस्तान ने उनके खिलाफ झूठे केस दिखाने के लिए उन पर 11 मार्च को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित तारीक गिदार ग्रुप को हथियार और विस्फोटक देने के मामले में FIR दर्ज की थी।
पाकिस्तान पेशावर स्कूल में हुए जनसंहार के पीछे इस ग्रुप का हाथ मानता है।
यहां सैनिक स्कूल पर हुए हमले में 132 बच्चों की मौत हुई थी। साथ ही पेशावर के एयरबेस पर सितंबर, 2015 में हुए हमले के पीछे इस ग्रुप का हाथ है।
जानकारी
दिसंबर, 2016 में अफगानिस्तान गए थे डोंगरा
अधिकारियों ने बताया कि डोंगरा दिसंबर, 2016 में अफगानिस्तान गए थे। पाकिस्तान जिस समय की घटनाओं के लिए डोंगरा को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश में था, उस समय वह चेन्नई में काम कर रहे थे।