प्रियंका गांधी का प्रधानमंत्री से सवाल, पूछा- क्या पीड़ित किसानों से मिलने लखीमपुर खीरी जाएंगे?
क्या है खबर?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है और उनसे पूछा है कि क्या वे पीड़ित किसान परिवारों से मिलने लखीमपुर खीरी जाएंगे।
कल लखीमपुर जाते वक्त हिरासत में ली गईं प्रियंका ने बिना किसी नोटिस या वारंट के उन्हें हिरासत में रखे जाने पर भी सवाल खड़े किए और प्रधानमंत्री से पूछा कि वे किसानों को गाड़ी से कुचलने वाले व्यक्ति को क्यों नहीं गिरफ्तार कर रहे हैं।
इंटरव्यू
प्रियंका ने पूछा- क्यों हिरासत में लिए जा रहे विपक्षी नेता
सीतापुर के सरकारी गेस्ट हाउस में हिरासत में रखी गईं प्रियंका ने NDTV से खास बातचीत करते हुए कहा, "क्यों बिना किसी आदेश के विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिया जा रहा है और एक व्यक्ति जिसने इतने भयानक अपराध को अंजाम दिया, उसे गिरफ्तार भी नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी, उसे गिरफ्तार कीजिए, हम जैसे लोगों को नहीं।"
उन्होंने कहा कि उन्हें बिना किसी सरकार आदेश या FIR के गैरकानूनी तौर पर हिरासत में रखा जा रहा है।
सवाल
लखनऊ आ रहे मोदी से प्रियंका ने पूछा- क्या लखीमपुर जाएंगे?
'आजादी के अमृत महोत्सव' से संबंधित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए लखनऊ आ रहे प्रधानमंत्री मोदी से तीखे सवाल पूछते हुए प्रियंका ने कहा, "मोदी जी आजादी का उत्सव मनाने आ रहे हैं। हमें आजादी किसने दिलाई? किसानों ने हमें आजादी दिलाई। क्या मंत्री को बर्खास्त और उसके बेटे को गिरफ्तार न करने के बाद उनके पास लखनऊ में जश्न मनाने का नैतिक अधिकार है? मोदी जी क्या आप लखीमपुर खीरी जाएंगे? पीड़ित परिवारों का दुख-दर्द बांटेंगे?"
आगे की योजना
रिहा होते ही मृतक किसानों से मिलूंगी- प्रियंका
अपनी आगे की योजना पर प्रियंका ने कहा कि रिहा होने के बाद वह सबसे पहले मृत किसानों के परिजनों से मिलेंगी। उन्होंने कहा, "शायद इसी कारण मुझे रिहा नहीं किया जा रहा है। लेकिन मैं यहां 15 दिन, 20 दिन, छह महीने या छह साल भी रहने को तैयार हूं।"
उन्होंने कहा कि वे अपने कानूनी विकल्प तलाश रही हैं क्योंकि उन्हें न तो नोटिस दिया गया है और न ही मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया है।
हमला
प्रियंका ने भाजपा को बताया सबसे बड़ी अवसरवादी पार्टी
भाजपा के उन्हें अवसरवादी कहने पर पलटवार करते हुए प्रियंका ने कहा, "इस देश हर व्यक्ति और बच्चा-बच्चा जानता है कि सबसे बड़ा राजनीतिक अवसरवादी कौन (भाजपा) है। ये लोग ये साबित करना चाहते हैं कि हम हल्के हैं और राजनीति की गंभीरता को नहीं समझते हैं। लेकिन मैं बहुत गंभीर हूं और गंभीरता से काम करती हूं। मैं चीनी राष्ट्रपति के साथ झूले में नहीं बैठती हूं। मैं जापान नहीं जाती हूं... लोगों की आवाज उठाना मेरा काम है।"
मामला
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
लखीमपुर खीरी में रविवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हो गई थी जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल नौ लोगों की मौत हुई थी।
मिश्रा एक कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी के तिकुनिया स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। लौटते वक्त मिश्रा के बेटे ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी जिसमें चार किसान मारे गए। कुछ किसानों पर पीट-पीट कर तीन भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को मारने का आरोप है।