किसानों का भारत बंद आज, हरियाणा-पंजाब समेत कई राज्यों में नजर आया असर
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने आज भारत बंद बुलाया है। यह सुबह 6 बजे से शुरू हो गया और शाम 4 बजे तक जारी रहेगा। हरियाणा और पंजाब में किसानों ने सुबह से सड़कों और रेलवे मार्गों को बाधित करना शुरू कर दिया, जिसके कारण वाहनों और ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा है। भारत बंद को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के कड़े प्रबंध किए गए हैं और प्रदर्शनस्थलों पर नजर रखी जा रही है।
पंजाब में 350 जगहों पर चल रहे प्रदर्शन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब में किसान लगभग 350 जगहों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। कई रेलवे स्टेशनों पर भी धरने शुरू हो गए हैं। पंजाब के ADGP ने पुलिस को धरना स्थलों पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के आदेश दिए हैं। किसानों ने हरियाणा-पंजाब सीमा (शंभू बॉर्डर) को भी सील कर दिया है। इसके अलावा अमृतसर-दिल्ली हाईवे को बंद कर दिया गया है। कई जगह किसान सड़कों पर ही टेंट लगाकर बैठ गए हैं।
हरियाणा में भी कई जगहों पर सड़कें बंद
पंजाब की तरह हरियाणा में भी कई जगहों पर किसान सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अकेले जींद जिले में 25 जगहों पर सड़कों और रेलवे मार्गों को बाधित किया गया है। यहां किसानों को व्यापारियों का साथ भी मिला है। हरियाणा सरकार ने जींद में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया है और रैपिड एक्शन फोर्स को अलर्ट पर रखा गया है। किसानों ने जींद-पटियाला और हिसार-चंडीगढ़ हाईवे को बंद कर दिया है।
किसानों ने रेलवे मार्ग किया बाधित
गाजीपुर बॉर्डर से डायवर्ट किया गया ट्रैफिक
भारत बंद को देखते हुए दिल्ली गाजियाबाद और नोएडा पुलिस ने भी ट्रैफिक डावयर्ट किया है। गाजीपुर बॉर्डर की तरफ यातायात को फिलहाल रोक दिया गया है। यहां लंबे समय से किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। गाजियाबाद पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर समेत हापुड़ चुंगी और कई अन्य मुख्य मार्गो और चौराहों पर रूट डायवर्ट करने का आदेश दिया है। इसके अलावा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिसबल तैनात किया गया है।
अन्य राज्यों में भी दिख रहा असर
हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों में भी भारत बंद का असर नजर आ रहा है। केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और बिहार आदि में कई संगठनों ने सड़कों पर उतरकर किसानों को समर्थन दिया।
टिकैत बोले- 10 साल आंदोलन को तैयार
भारतीय किसान यूनियन के नेता और मौजूदा आंदोलन के प्रमुख चेहरे राकेश टिकैत ने कहा कि भले ही 10 साल लग जाएं, लेकिन किसान अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे। NDTV के अनुसार, उन्होंने कहा, "कृषि मंत्री कह रहे हैं कि बातचीत के लिए आएं। हम कृषि मंत्री से कहना चाहते हैं कि सरकार हमें समय और जगह बताएं। ये सिर्फ बोलने के लिए कहते हैं कि बातचीत के लिए आएं। सरकार को बातचीत के लिए बिना शर्त बुलाना चाहिए।"
भारत बंद के दौरान इन सेवाओं पर पड़ेगा असर
इस संबंध में दिशानिर्देश जारी करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि भारत बंद के दौरान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध किया जाएगा और आम लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। बंद के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों के कार्यालयों, बाजार, दुकानों, फैक्ट्रियों, स्कूल, कॉलेज और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में कामकाज और किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होने दिया जाएगा। साथ ही आंदोलनकारी सरकारी और निजी परिवहन को भी बाधित करेंगे।
कई राज्य सरकारें आईं किसानों के समर्थन में
पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भारत बंद के लिए किसान आंदोलन का समर्थन किया है। उनके अलावा आंध्र प्रदेश सरकार ने भी बंद को समर्थन देते हुए राज्य परिवहन की बसें रोकने की बात कही है। तमिलनाडु में सरकार चला रही DMK ने लोगों, किसानों, मजदूरों और व्यापारियों से सोमवार को प्रदर्शनों में हिस्सा लेने का आह्वान किया है। पार्टी पदाधिकारियों को इस बंद को सफल बनाने के आदेश दिए गए हैं।
कांग्रेस और राजद भी किसानों के साथ
कांग्रेस पार्टी ने भी 27 सितंबर को भारत बंद में शामिल होने का फैसला किया है। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने किसानों की दुर्दशा के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि 600 किसानों की मौत के बाद भी सरकार आंदोलनकारियों से बात करने के लिए आगे नहीं आ रही। इसी तरह राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने भी किसानों को समर्थन देते हुए बंद में शामिल होने की बात कही है।