HMPV: कर्नाटक और महाराष्ट्र सरकार ने जारी की एडवाइजरी, जानिए लोगों को क्या दी सलाह
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी के बाद अब ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का खतरा बढ़ गया है। देश में सोमवार को इसके 3 मामलों की पुष्टि हुई है।
इसमें 2 मामले कर्नाटक और 1 गुजरात में सामने आया है। इसके बाद सरकार ने ऐसे मामलों की निगरानी बढ़ाते हुए प्रभावी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
कर्नाटक और महाराष्ट्र सरकार ने इसको लेकर एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें लोगों को सार्वजनिक जगहों पर मास्क लगाने की सलाह दी गई है।
एडवाइजरी
कर्नाटक सरकार ने क्या जारी की है एडवाइजरी?
कर्नाटक सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी में लोगों से HMPV के संभावित लक्षण नजर आने पर सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचने और भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनने की अपील की है।
इसी तरह सरकार ने खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढंकने, बार-बार साबुन से हाथ धोने, टिशू पेपर या रूमाल का दोबारा उपयोग न करने, बीमार व्यक्तियों के संपर्क से बचने, तौलिये और चादर साझा न करने और सार्वजनिक स्थानों न थूकने की सलाह दी है।
अन्य
एडवाइजरी में ये भी दी है सलाह
सरकार ने एडवाइजरी में आंख, नाक और मुंह को कम से कम छूने, एक ही थाली में खान न खाने और साफ-सफाई रखने को भी कहा है।
इसी तरह, सरकार ने स्कूलों के लिए अलग से एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें अभिभावकों को सर्कुलर भेजकर कहा गया है कि वे अपने बच्चों को हल्की खांसी, जुकाम या गले में खराश होने पर स्कूल न भेजें।
सरकार ने स्पष्ट किया कि HMPV वायरस कोविड-19 जितना संक्रामक नहीं है।
बयान
स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से की न घबराने की अपील
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि संक्रमित मिला 8 महीने का बच्चा अब ठीक है और उसे मंगलवार को छुट्टी दे दी जाएगी।
उन्होंने कहा, "यह नया वायरस नहीं है। इसके कारण कुछ खास श्रेणी के लोगों को सांस संबंधी समस्याएं होती हैं। यह वायरस सबसे पहले 2001 में नीदरलैंड में पाया गया था। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार ने चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक कदम उठाने को कहा है।"
एडवाइजरी
महाराष्ट्र सरकार ने क्या जारी की एडवाइजरी?
महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी में लोगों को व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता का ध्यान रखने की सलाह दी गई है।
इसी तरह खांसते या छींकते समय रूमाल और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने, हाथ मिलाने से बचने, बीमार लोगों से दूर रहने और भीड़भाड़ वाली जगहों पर न जाने की भी सलाह दी गई है।
इसके अलावा, राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को संभावित लक्षण वाले मामलों में विशेष सावधानी बरतने को कहा है।
बयान
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी जारी किया बयान
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी शाम को कहा, "HMPV के हालातों की समीक्षा के लिए 4 जनवरी को स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी समूह की बैठक हुई थी। देश की स्वास्थ्य सिस्टम और निगरानी नेटवर्क सतर्क हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि देश किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौतियों का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार है। चिंता करने की कोई बात नहीं है। हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।"
स्पष्ट
HMPV नया वायरस नहीं- नड्डा
स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने विशेषज्ञों के हवाले से स्पष्ट किया, "HMPV नया वायरस नहीं है। यह कई सालों से पूरी दुनिया में फैल रहा है। यह सांस के जरिए, हवा के जरिए फैलता है और सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है।"
उन्होंने कहा, "चीन में HMPV के मामलों की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय, ICMR और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र चीन के साथ-साथ पड़ोसी देशों की स्थित पर भी नजर रख रहे हैं।"
मामले
कर्नाटक और गुजरात में हुई संक्रमण की पुष्टि
कर्नाटक में मिले दोनों मामले बच्चों से संबंधित है। इसमें एक 3 महीने की बच्ची है और एक 8 महीने का बच्चा है। दो मामलों में ब्रोंकोन्यूमोनिया (निमोनिया का एक प्रकार) का इतिहास था और विदेश यात्रा से भी नहीं लौटे हैं।
3 महीने की बच्ची को छुट्टी दी जा चुकी है, जबकि दूसरे बच्चे को कल छुट्टी मिलेगी।
इसी तरह गुजरात के अहमदाबाद में 2 महीने के बच्चे में संक्रमण की पुष्टि हुई है और उसकी हालत स्थिर है।
वायरस
क्या है HMPV?
HMPV न्यूमोविरिडे परिवार का हिस्सा है, जिसमें रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV) भी शामिल है। HMPV की सबसे पहले पहचान 2001 में हुई थी।
अमेरिका रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, HMPV एक सांस संबंधी वायरस है, जो ऊपरी और निचले श्वसन तंत्र में संक्रमण करता है।
यह सभी आयु समूहों को प्रभावित करता है, लेकिन छोटे बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इन्युनिटी वालों के लिए अधिक खतरा है। आमतौर पर ये सर्दियों या शुरुआती वसंत मौसम में फैलता है।