कोरोना: 3 साल बाद भी राहत नहीं; JN.1 वेरिएंट भारत पहुंचा, अमेरिका में HV.1 का खतरा
3 साल बाद भी दुनिया को कोरोना वायरस से आजादी नहीं मिली है और इसके नए-नए वेरिएंट्स चिंता बढ़ा रहे हैं। इसके एक नए सब-वेरिएंट ने भारत में भी दस्तक दे दी है। केरल में JN.1 वेरिएंट के मामले पाए गए हैं। ये वेरिएंट अमेरिका में चिंताएं बढ़ा चुका है और इंग्लैंड, आइसलैंड और फ्रांस में भी इसके मामले आ चुके हैं। इस बीच अमेरिका में फिर से एक नया सब-वेरिएंट HV.1 पकड़ में आया है।
क्या है JN.1 वेरिएंट?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, JN.1 ओमिक्रॉन वेरिएंट के BA.2.86 सब-वेरिएंट से निकला है। इसकी स्पाइक प्रोटीन में 41 म्यूटेशन हैं। यह XBB.1.5 और HV.1 वेरिएंट से अलग है और इनसे अधिक खतरनाक है। इसका पहला मामला 25 अगस्त, 2023 को यूरोप में सामने आया था और इसके बाद यह इंग्लैंड, आइसलैंड, फ्रांस और अमेरिका में तेजी से फैलने लगा। अमेरिका में वैज्ञानिकों ने पाया कि यह कोरोना वायरस वैक्सीन से मिली इम्युनिटी को चकमा दे सकता है।
केरल में कोरोना के मामलों में वृद्धि का कारण हो सकता है JN.1
भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने केरल में JN.1 सब-वेरिएंट के मामले मिलने की पुष्टि की है। नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ राजीव जयदेवन ने कहा कि JN.1 भारत, खासकर केरल, में बढ़े कोरोना के मामलों में हालिया वृद्धि का मुख्य कारण हो सकता है। बता दें कि भारत में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 938 तक पहुंच गई है, जिसमें केरल के सबसे अधिक 768 मरीज हैं।
अमेरिका में बढ़ने लगे HV.1 से जुड़े मामले
JN.1 के बाद अमेरिका में अब HV.1 वेरिएंट के कारण कोरोना के मामले में तेजी से बढ़ रहे हैं। अमेरिका पहले ही श्वसन वायरसों से जुड़े मामलों से जूझ रहा है और अब इससे स्थिति और बिगड़ सकती है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, अमेरिका में HV.1 लगभग 30 प्रतिशत नए कोरोना मामलों के लिए जिम्मेदार है, जबकि JN.1 लगभग 21 प्रतिशत नए मामलों के लिए जिम्मेदार है।
HV.1 सब-वेरिएंट के बारे में क्या-क्या पता है?
HV.1 सब-वेरिएंट ओमिक्रॉन वेरिएंट से संबंधित है। ये EG.5 वेरिएंट निकला है, जो मूल रूप से ओमिक्रॉन के XBB वेरिएंट से निकला है। HV.1 म्यूटेशन के बावजूद ओमिक्रॉन के बाकी वेरिएंट से काफी मिलता-जुलता है। HV.1 अक्टूबर और नवंबर में तेजी से फैलना शुरू हुआ था। विशेषज्ञों के अनुसार, ओमिक्रॉन के बाकी वेरिएंट्स की तरह HV.1 भी काफी तेजी से फैलता है। हालांकि, इसके अधिक खतरनाक होने का कोई सबूत नहीं मिला है।
क्या हैं दोनों वेरिएंट के लक्षण?
JN.1 सब-वेरिएंट के लक्षणों में बुखार, खांसी, थकान, नाक बंद, बहती नाक, दस्त और सिर दर्द शामिल हैं। अमेरिकी CDC के अनुसार, HV.1 के लक्षणों में बुखार या ठंड, खांसी, सांस की तकलीफ या सांस लेने में कठिनाई, थकान, मांसपेशियों या शरीर में दर्द, सिरदर्द, स्वाद या सुगंध चले जाना, गले में खराश, नाक बंद, मतली या उल्टियां, और पेट में दर्द शामिल है। इसके लक्षण आम सर्दी-जुखाम से मिलते हैं।