कर्नाटक सरकार ने कहा- 9 मई तक लागू नहीं होगा मुस्लिम आरक्षण खत्म करने का फैसला
क्या है खबर?
मंगलवार को कर्नाटक सरकार के राज्य में 4 फीसदी मुस्लिम आरक्षण को खत्म करने के मामले में अहम घटनाक्रम हुआ।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह इस फैसले को 9 मई तक लागू नहीं करेगी और तब तक पुरानी व्यवस्था ही लागू रहेगी।
बता दें कि पिछले दिनों कर्नाटक की भाजपा सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) मुसलमानों का 4 फीसदी आरक्षण खत्म कर दिया था और यह सुनवाई इसी मामले से संबंधित है।
मामला
क्या है पूरा मामला?
बीते 24 मार्च को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की कैबिनेट ने OBC आरक्षण में बदलाव किया था। इसके तहत राज्य सरकार ने OBC आरक्षण से मुस्लिम आरक्षण के 4 फीसदी कोटे को खत्म कर दिया था।
30 मार्च को आदेश जारी करते हुए सरकार ने इस आरक्षण को वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय में 2-2 फीसदी बांट दिया था। इसके बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
सरकार
कोर्ट में सरकार ने क्या कहा?
कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि OBC आरक्षण में मुस्लिमों के लिए 4 फीसदी कोटा खत्म करने का कैबिनेट का ये फैसला 9 मई तक लागू नहीं होगा। सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि तब तक कर्नाटक में आरक्षण को लेकर पुराना फॉर्मूला ही लागू रहेगा।
कोर्ट ने सरकार के इस फैसले को स्वीकार कर लिया। इसके बाद सुनवाई को टाल दिया गया और अब मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई की जाएगी।
याचिका
मुस्लिमों को आरक्षण से किया जा रहा वंचित- वकील
मुस्लिम पक्ष की ओर कोर्ट में पेश हुए वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े मुस्लिम समुदाय को आरक्षण से वंचित किया जा रहा है। उन्होंंने कहा कि मुस्लिम समुदाय का आरक्षण बरकरार रखा जाए।
इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने सरकार को मुस्लिम आरक्षण खत्म करने को लेकर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि आरक्षण खत्म करने की प्रक्रिया का आधार त्रुटिपूर्ण और अस्थिर है।
जानकारी
कर्नाटक में किस वर्ग को कितना आरक्षण?
कर्नाटक में अभी तक OBC को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति (SC) को 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (ST) को 7 प्रतिशत आरक्षण मिला हुआ था। इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण मिला हुआ है।
आरक्षण
OBC के तहत वोक्कालिगा और लिंगायतों को कितना आरक्षण?
OBC आरक्षण के तहत वोक्कालिगा को 4 फीसदी और लिंगायतों को 5 फीसदी आरक्षण दिया गया है। सरकार के नए आदेश के बाद मुस्लिमों का 4 फीसदी आरक्षण खत्म करके वोक्कालिगा और लिंगायतों का आरक्षण 2-2 फीसदी बढ़ा दिया गया था।
वोक्कालिगा और लिंगायत दोनों ही बेहद प्रभावशाली समुदाय हैं और राज्य की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। भाजपा सरकार के फैसले को इसी से जोड़कर देखा गया था।
राज्य में 10 मई को विधानसभा चुनाव होने हैं।