कर्नाटक: अगस्त तक कोरोना संक्रमित हो चुकी थी राज्य की लगभग आधी आबादी
क्या है खबर?
कर्नाटक में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति को जांचने के लिए कराए गए सीरोलॉजिकल सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
सर्वे के अनुसार अगस्त के अंत तक राज्य की आधी आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुकी थी। इसमें 44.1 प्रतिशत ग्रामीण आबादी और 53.8 प्रतिशत शहरी आबादी शामिल है।
यही कारण है कि सीरो सर्वे में इन लोगों के खून में कोरोना वायरस की एंटीबॉडीज मिली हैं जो संक्रमित होने के बाद ही बनती हैं।
सीरो सर्वे
सर्वे में लिए गए थे 20 जिलों के परिवारों के नमूने
न्यूज 18 के अनुसार 'कम आय वाले देश में ग्रामीण बनाम शहरी क्षेत्रों में कोरोना का प्रसार' शीर्षक से जारी अध्ययन के तहत जून के मध्य से अगस्त तक कर्नाटक के 20 जिलों के हजारों परिवारों से नमूने लिए गए थे।
सर्वे में सामने आया कि राज्य की 3.15 करोड़ आबादी संक्रमण की चपेट में आ गई और इनमें 44 प्रतिशत ग्रामीण और 54 प्रतिशत शहरी आबादी शामिल है। इन सभी लोगों में कोरोना वायरस की एंटीबॉडीज पाई गईं।
सर्वे
मुंबई की IDFC संस्था ने किया था सर्वे
मुंबई की IDFC की संस्था के शोधकर्ताओं ने भारतीय निगरानी अर्थव्यवस्था केंद्र के सहयोग से कर्नाटक में राज्य स्तरीय सीरो सर्वे किया था।
ACT अनुदान (भारत) द्वारा वित्त पोषित इस अध्ययन का नेतृत्व ड्यूक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मनोज मोहनन, शिकागो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनूप मालानी और भारतीय निगरानी अर्थव्यवस्था केंद्र के कौशिक कृष्णन के साथ मेपमायजिनोम के अनु आचार्य ने किया था।
इसमें सामने आया कि शहरी आबादी संक्रमण से ज्यादा प्रभावित रही है।
बयान
शोधकर्ताओं ने बड़े स्तर पर संक्रमण फैलने के यह बताए कारण
शोधकर्ताओं ने राज्य में बड़े स्तर पर कोरोना संक्रमण के फैलने के दो प्रमुख कराए बताए हैं।
उनके अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से बचाव के उपायों का पूरी तरह से पालन नहीं हुआ और लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों के बड़ी संख्या में घर लौटने से संक्रमण का प्रसार अधिक हुआ।
बता दें कि लॉकडाउन में लाखों की संख्या में शहरों में काम करने वाले मजदूर बेरोजगार हो गए थे और वह अपने-अपने घरों को लौटे थे।
अधिक
वास्तविक आंकड़ों से 96 प्रतिशत अधिक निकली संक्रमितों की संख्या
सर्वे के तहत राज्य की 2020 की छमाही के जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार वहां की कुल जनसंख्या 6.4 करोड़ थी।
ऐसे में 29 अगस्त को जारी किए गए सीरो सर्वे के परिणामों में 3.15 करोड़ आबादी कोरोना से संक्रमित पाई गई थी।
यह संख्या सरकार द्वारा उस दिन तक बताई गई संक्रमितों की संख्या 3,27,076 से 96.4 गुना अधिक थी।
उस दौरान सरकार को संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए अधिक RT-PCR टेस्ट करने की सलाह दी गई थी।
जानकारी
शहरी क्षेत्रों में अधिक सामने आए संक्रमित
सर्वे के बाद कराए गए RT-PCR टेस्ट में ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमितों का प्रतिशत 1.5 से 7.7 तक रहा और शहरी क्षेत्रों में संक्रमितों की स्थिति 4 से 10.5 प्रतिशत के बीच रही। इसी ने तेजी से बढ़ते संक्रमण की स्थिति स्पष्ट की थी।
चेतावनी
शोधकर्ताओं ने दी थी संक्रमण के तेजी से बढ़ने की चेतावनी
सीरो सर्वे के परिणाम सामने आने के बाद शोधकर्ताओं ने सरकार को राज्य में लॉकडाउन से पूरी तरह से राहत देने पर तेजी से संक्रमण के मामले बढ़ने की चेतावनी दी थी।
उन्होंने यह भी कहा था कि तेजी से संक्रमण बढ़ने के कारण गंभीर मरीजों की मौतों की संख्या में भी इजाफा होगा और वह राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली पर अधिक दबाव बढ़ा देगा। इसके बाद ही राज्य सरकार ने लॉकडाउन में ढील देने में सख्ती अपनाई थी।
संक्रमण
भारत और कर्नाटक में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 44,879 नए मामले सामने आए और 547 मरीजों की मौत हुई है।
देश में संक्रमितों की कुल संख्या 87,28,795 हो गई है और इनमें से 1,28,668 मरीजों की मौत हो चुकी है। सक्रिय मामलों की संख्या 4,84,547 पर आ गई है।
इसी तरह तमिलनाडु में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8.56 लाख पर पहुंच गई है। इनमें से 11,474 मरीजों की मौत हुई है और 8.15 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं।