
उत्तराखंड: जोशीमठ में जमीन धंसने और मकानों में दरार आने का मामला क्या है?
क्या है खबर?
उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में जमीन धंसने के कारण सड़कों और 560 से अधिक मकानों में दरार आने का मामला सामने आया है।
जलवायु और बुनियादी ढांचे में हुए बदलाव के चलते जमीन धंसने के कारण 60 से अधिक परिवार जोशीमठ से पलायन कर चुके हैं, जबकि 500 से अधिक परिवार दरार वाले घरों में रहने के लिए मजबूर हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए जोशीमठ जाने की बात कही है।
वजह
क्यों आ रही है मकानों में दरार?
जोशीमठ के कई इलाकों में घरों में दरार आने का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है।
बतौर रिपोर्ट्स, पिछले कुछ समय में इस पहाड़ी क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसके चलते घरों की बुनियाद कमजोर हो गई और पानी का रिसाव हो रहा है।
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि धरती की ऊपरी सतह पर मौजूद टेक्टोनिक प्लेटों में धीरे-धीरे परिवर्तन हो रहा है, जिसकी वजह से घरों में चटक आ रही है।
बयान
कितने लोग हुए हैं प्रभावित?
जोशीमठ नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पवार ने बताया कि मामले में 3,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जो जोशीमठ की कुल आबादी के 10 प्रतिशत हैं।
उन्होंने कहा कि नगर पालिका ने घरों का सर्वे किया है और अधिकांश लोग अपने घरों को छोड़कर जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सिंहधार और मारवाड़ी वार्ड के अधिकतर घरों में दरारें दिखाई दे रही हैं। उन्होंने मामले को लेकर मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात भी की।
कारण
आपदा प्रबंधन विभाग ने की पानी के रिसाव की पुष्टि
आपदा प्रबंधन विभाग ने इस भूकंप संभावित क्षेत्र में जमीन के नीचे से पानी के रिसाव की पुष्टि की है, वहीं जमीन धंसने की समस्या जोशीमठ के नौ वार्ड में फैल चुकी है।
चमोली के जिलाधिकारी ने जॉइंट मजिस्ट्रेट दीपक सैनी को स्थिति की समीक्षा और राहत कार्य के लिए जोशीमठ में तैनात किया है, वहीं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रुड़की की एक टीम भी सर्वेक्षण के लिए जोशीमठ पहुंच गई है।
आरोप
स्थानीय लोगों का क्या है आरोप?
जोशीमठ बचाओ समिति के संयोजक अतुल सती ने कहा, "हम उत्तराखंड सरकार से पिछले एक साल से अपने तत्काल पुनर्वास की मांग कर रहे हैं, लेकिन हमारी बात नहीं सुनी जा रही है।"
उन्होंने आगे कहा, "जोशीमठ धंस रहा है और लोग अपने घरों को बांस के डंडों से सहारा दे रहे हैं और कपड़ों से दरारों को ढंकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार बेफिक्र है।"
ट्विटर पोस्ट
मकानों में आ गई हैं बड़ी-बड़ी दरारें
#WATCH | Land subsidence and cracks in many houses continue in Uttarakhand's Joshimath. Cracks have appeared on 561 houses in Joshimath, and water seepage continues from underground in JP Colony, Marwadi. pic.twitter.com/vo7IxIh1Xl
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 5, 2023
दौरा
जोशीमठ जा सकते हैं मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी जोशीमठ में घरों में दरारें आने के मामले पर प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा, "मैं आने वाले दिनों में जोशीमठ का दौरा करूंगा और स्थिति को संभालने के लिए कदम उठाऊंगा। सभी रिपोर्ट्स की निगरानी की जाएगी और सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। मेरी नगर निगम के अध्यक्ष शैलेंद्र पवार से बात हुई है।"
बतौर रिपोर्ट्स, जोशीमठ से एक प्रतिनिधिमंडल भी मुख्यमंत्री धामी से मिलने के लिए देहरादून जा सकता है।
महत्व
क्या है जोशीमठ का महत्व?
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से करीब 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जोशीमठ हिमालय में कई एडवेंचर और ट्रेकिंग अभियानों के लिए प्रवेश द्वार माना जाता है। यहीं से चार धामों में से एक बद्रीनाथ और फूलों की घाटी के लिए यात्रा भी शुरू होती है।
यहां पर शंकरायचार्य द्वारा स्थापित की गई ज्योतिर्मठ भी मौजूद है। जोशीमठ में सेना की एक छावनी भी है, जो भारत-चीन सीमा के नजदीक है।