
जमीयत उलमा-ए-हिंद ने भी वक्फ कानून को दी खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
क्या है खबर?
वक्फ संशोधन विधेयक ने शनिवार रात को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद कानून का रूप ले लिया है। इसके बाद भी इसके खिलाफ विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान करने के बाद रविवार को जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।
उन्होंने याचिका दायर कर कानून को वापस लिए जाने की मांग की है।
दलील
मदनी ने याचिका में क्या दी दलील?
मदनी ने एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड फुजैल अहमद अय्यूबी, इबाद मुश्ताक, आकांक्षा राय और गुरनीत कौर के जरिए सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर कर वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को चुनौती दी है।
उन्होंने कहा कि इस कानून भेदभावपूर्ण है और मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए लाया गया है।
इससे पहले RJD नेता मनोज झा ने कहा कि वो वक्फ कानून में बताए गए प्रावधानों को कोर्ट में चुनौती देंगे। यह संविधान का हनन करने वाला है।
चुनौती
अब तक किस-किसने दी कानून को चुनौती?
इस अधिनियम के खिलाफ सबसे पहली याचिका कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने लगाई थी। उसके बाद मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
इन दोनों के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक अमानतुल्लाह खान और एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन इन द मैटर्स ऑफ सिविल राइट्स ने भी सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दाखिल है।
DMK ने भी इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया है।