जम्मू-कश्मीर: राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को बताया राजनीति तो राहुल ने पूछा- मैं कब आ सकता हूं?
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा राहुल गांधी पर जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर राजनीति करने के आरोपों के बाद राहुल ने पलटवार किया है।
दरअसल, राहुल गांधी ने राज्यपाल के न्योते पर कश्मीर जाकर स्थिति का जायजा लेने की बात कही थी।
उन्होंने कहा कि वह विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल के साथ कश्मीर आएंगे।
इस पर राज्यपाल ने कहा कि वह इस मामले में राजनीति कर रहे हैं। अब इस पर राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
जानकारी
राहुल ने पूछा- मैं कब आ सकता हूं?
राहुल ने ट्विटर पर लिखा, 'डियर मलिक जी, मैंने आपका जवाब देखा। मैं जम्मू-कश्मीर आने का न्योता स्वीकार करता हूं और बिना किसी शर्त लोगों से मिलना चाहता हूं। मैं कब आ सकता हूं।"
शुरुआत
कैसे शुरू हुई राहुल और राज्यपाल की यह बातचीत?
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद यहां काफी प्रतिबंध लगाए गए हैं।
राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार किया गया है। कई इलाकों में धारा 144 लागू है।
सरकार इलाके में स्थिति सामान्य होने का दावा कर रही है वहीं राहुल गांधी और विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि सरकार इस मामले में झूठ बोल रही है।
राहुल ने कहा कि कश्मीर से हिंसा की खबरें आ रही हैं और सरकार को सच्चाई सामने रखनी चाहिए।
न्योता
सत्यपाल मलिक ने राहुल को दिया कश्मीर आने का न्योता
राहुल गांधी के कश्मीर में हिंसा होने वाले बयान पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रतिक्रिया दी थी।
मलिक ने कहा, "मैंने राहुल गांधी को यहां आने के लिए न्योता दिया है। मैंने उनसे कहा कि मैं आपके लिए विमान भेजूंगा ताकि आप स्थिति का जायजा लीजिए और तब बोलिए। आप एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं और आपको ऐसी बात नहीं करनी चाहिए।"
उन्होंने कहा कि विदेशी मीडिया ने कुछ गलत रिपोर्टिंग की है, जिसके लिए उन्हें चेतावनी दी गई है।
ट्विटर पोस्ट
राहुल ने पूछा- मैं कब आ सकता हूं?
Dear Maalik ji,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 14, 2019
I saw your feeble reply to my tweet.
I accept your invitation to visit Jammu Kashmir and meet the people, with no conditions attached.
When can I come?
प्रतिक्रिया
राहुल बोले- विमान मत भेजिये, लेकिन लोगों से मिलने की आजादी दीजिए
राहुल गांधी ने राज्यपाल के इस न्योते को स्वीकार किया था।
राहुल ने ट्विटर का सहारा लेते हुए कहा, "विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल और मैं आपके न्योते पर आपको जम्मू-कश्मीर और लद्दाख ले जाना चाहेंगे। हमें विमान की जरूरत नहीं है लेकिन हमारी यहां घूमने, लोगों और वहां तैनात सैनिकों और मुख्यधारा के नेताओं से मिलने की आजादी सुनिश्चित कीजिए।"
इसके बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने राज्यपाल पर निशाना साधा था।
ट्विटर पोस्ट
विमान मत भेजिये, लेकिन आजादी दीजिए- राहुल
Dear Governor Malik,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 13, 2019
A delegation of opposition leaders I will take you up on your gracious invitation to visit JK and Ladakh.
We won’t need an aircraft but please ensure us the freedom to travel meet the people, mainstream leaders and our soldiers stationed over there. https://t.co/9VjQUmgu8u
जानकारी
राज्यपाल ने लगाया राजनीति करने का आरोप
इस ट्वीट के बाद राज्यपाल ने उन पर इस मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगा दिया। राज्यपाल की तरफ से कहा गया कि राहुल ने यहां आने से पहले कई शर्तें रखी हैं। इसलिए यह मामला पुलिस और प्रशासन के पास भेजा गया है।
मामला
पुलिस और प्रशासन के पास भेजा गया मामला
राज्यपाल की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, प्रतिनिधिमंडल लाने की बात कर राहुल मामले का राजनीतिकरण कर रहे हैं।
इससे आम लोगों को परेशानी होगी और अव्यवस्था बढ़ेगी। उन्होंने यहां आने के लिए कई शर्तें रखी हैं, जिनमें हिरासत में लिए गए यहां के मुख्यधारा के नेताओं से मुलाकात भी शामिल है। पुलिस और प्रशासन इन शर्तों पर विचार करेगा।
राज्यपाल के इसी बयान पर राहुल ने अब पलटवार करते हुए पूछा कि वे कश्मीर कब आ सकते हैं।