नोटबंदी के दौरान जिन खातों में हुई ज्यादा रकम जमा, उनकी जांच कर रहा आयकर विभाग
लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और विपक्ष मोदी सरकार की सबसे बड़ी असफलताओं में नोटबंदी को गिना रहा है। विरोधियों का कहना है कि नोटबंदी से फायदा तो नहीं हुआ, बल्कि किसान, मध्य वर्ग और छोटे व्यापारियों की कमर टूट गई। ऐसे समय में खबर आई है कि आयकर विभाग नोटबंदी के बाद बड़ी रकम जमा करने के लिए 1.5 लाख बैंक खातों की जांच कर रहा है। इन खातों में अप्रत्याशित तौर पर ज्यादा रकम जमा हुई थी।
पैसे का स्त्रोत स्पष्ट नहीं
जिन खातों की जांच आयकर विभाग कर रहा है, उनमें नोटबंदी के बाद 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बड़ी संख्या में जमा किए गए थे। इन खातों के मालिकों ने इससे पहले इतनी रकम कभी भी जमा नहीं की थी। साथ ही जमा पैसे कहां से आए, इस बारे में भी स्थिति कुछ साफ नहीं है। रोचक बात ये है कि इन खातों में सबसे ज्यादा संख्या प्रधानमंत्री मोदी के गृहराज्य गुजरात के लोगों की है।
गुजरात से सबसे ज्यादा मामले
विभाग ने नोटबंदी के दौरान बड़ी रकम जमा करने के लिए 2017-18 में 20,088 और 2018-19 में 1,34,574 मामलों की जांच शुरु की थी। संसद में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने बताया कि सबसे ज्यादा मामले गुजरात से सामने आए हैं। आयकर विभाग ने 2017-18 में 2,99,937 ऐसे जमाकर्ताओं को नोटिस भेजा गया था, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान बड़ी रकम जमा तो की, लेकिन इसका इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया।
8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने की थी नोटबंदी की घोषणा
8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने 500 और 1000 रुपए के बड़े नोटों को बंद करने का ऐलान करते हुए नोटबंदी की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री ने कालेधन से लड़ाई और भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए नोटबंदी का अहम बताया था। घोषणा के बाद से ही आयकर विभाग को शक था कि काला धन रखने वाले लोग किसी ना किसी तिगड़म से पुराने नोट बैंक में जमा करने की कोशिश करेंगे।
दूसरों के खातों में जमा किया कालाधन
कालेधन को बैंकों में जमा होने से रोकने के लिए आयकर विभाग ने नियम बनाया था कि 2.5 लाख से ज्यादा रुपए जमा करने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य होगा। इसका तोड़ निकाल कालेधन के मालिक दूसरे लोगों के खातों में छोटी-छोटी रकम जमा करके कालेधन को ठिकाने लगाने लगे। आयकर विभाग ऐसे ही खातों की जांच कर रहा है, जिनमें नोटबंदी के समय अप्रत्याशित रूप से अधिक रकम जमा हुई, जबकि पहले उनमें कोई रकम नहीं जमा होती थी।