
नागरिकता कानून: उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में इंटरनेट बंद, आज भी हो सकते हैं प्रदर्शन
क्या है खबर?
कल गुरुवार को देशभर में नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन आज भी जारी रह सकते हैं। इसे देखते हुए देश के कई इलाकों में इंटरनेट बंद किया गया है।
उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
इसके अलावा मेघालय और कर्नाटक के मंगलुरू और दक्षिण कन्नड़ जिले में भी इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।
इस बीच असम में 10 दिन बाद इंटरनेट सेवाएं शुरू कर दी गई हैं।
मंगलुरू
मंगलुरू में पुलिस की गोली लगने से हुई दो लोगों की मौत
बता दें कि मंगलुरू में गुरुवार को नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई थी।
इस दौरान कुछ उपद्रवी तत्वों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और एक पुलिस थाने को जलाने की कोशिश भी की जिसके बाद पुलिस ने फायरिंग की।
इसमें दो प्रदर्शनाकरियों 49 वर्षीय जलील बांगरे और 23 वर्षीय नौसीन कुदरौल की गोली लगने से मौत हो गई।
जानकारी
गुरूवार को बंद किया गया था इंटरनेट
इस हिंसक झड़प के बाद मंगलुरू और दक्षिण कन्नड़ जिले में इंटरनेट को बंद कर दिया गया था जिसे शुक्रवार को भी जारी रखा जाएगा। दोनों जगह शुक्रवार को भी लोगों के नागरिकता कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरने की संभावना है।
लखनऊ
लखनऊ में भी एक शख्स की गोली लगने से मौत
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के लखनऊ और संभल में भी नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई।
लखनऊ में भीड़ ने दो पुलिस पोस्ट, तीन OB वैन, छह कार और एक सरकारी बस को आग के हवाले कर दिया।
प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से मोहम्मद वकील नामक युवक की मौत हो गई।
हिंसक प्रदर्शनों के आरोप में उत्तर प्रदेश पुलिस ने लगभग 3,500 लोगों को हिरासत में लिया है जिनमें से 200 लखनऊ से हैं।
बयान
योगी आदित्यनाथ ने दिए सख्त कार्रवाई के आदेश
इस हिंसा पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त बयान देते हुए कहा कि दोषियों से बदला लिया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि किसी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा और सरकार उपद्रव करने वाले लोगों की पहचान कर उनकी संपत्ति नीलाम करेगी और इस पैसे से नुकसान की भरपाई होगी।
इस दौरान आम लोगों को कोई भी असुविधा न हो, उन्होंने पुलिस का इसका ख्याल रखने का निर्देश दिया है।
प्रदर्शन
गुरूवार को देशभर में हुए थे प्रदर्शन
बता दें कि नागरिकता कानून के खिलाफ कल पूरे देश में एक साथ प्रदर्शन हुए थे।
देशव्यापी प्रदर्शन के लिए 19 दिसंबर के दिन को इसलिए चुना गया था क्योंकि इसी दिन 1927 में अंग्रेजों ने हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां को काकोरी लूट कांड में फांसी दी थी।
अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने वाले इस कानून को देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ माना जा रहा है।
कार्रवाई
प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया
दिल्ली समेत देश के कई इलाकों में इस प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।
दिल्ली में योगेंद्र यादव और उमर खालिद समेत हजारों लोगों को हिरासत में लिया गया।
वहीं बेंगलुरू में जाने-माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा को हिरासत में लिया गया। वो महात्मा गांधी की तस्वीर के साथ मीडिया से बात करे रहे थे और इसी दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।