LoC के पास बर्फ में दबा मिला जनवरी से लापता भारतीय सेना के जवान का शव
शनिवार को कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास जनवरी से लापता भारतीय सेना के एक जवान का शव बरामद हुआ। 36 वर्षीय हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का शव बर्फ में दबा हुआ था और उनके परिवार को इसके बारे में सूचित कर दिया गया है। उन्हें जून में ही शहीद घोषित कर दिया गया, हालांकि उनका शव बरामद नहीं हुआ था। उनके शव की जरूरी मेडिकल जांच की जा रही है, जिसके बाद इसे परिवार को सौंप दिया जाएगा।
8 जनवरी को भारी बर्फ में फिसल गए थे नेगी
सेना के 11 गढ़वाल राइफल्स में हवलदार नेगी 8 जनवरी को LoC के पास गुलमर्ग इलाके में भारी बर्फ में फिसल गए थे और तभी से लापता थे। शुरुआत में नेगी के पाकिस्तान की तरफ फिसलने की आशंका जताई गई थी, लेकिन बाद में सेना ने इन संभावनाओं को खारिज कर दिया। शव न मिलने पर 21 जून को ही उन्हें शहीद घोषित कर दिया गया था और सेना ने इसके बारे में परिवार को भी सूचित कर दिया था।
पत्नी ने कर दिया था नेगी को मृत मानने से इनकार
हालांकि नेगी की पत्नी राजेश्वरी देवी ने अपने पति को शहीद मानने से इनकार कर दिया था और कहा था कि जब तक वह उनके शव को अपनी आंखों से नहीं देख लेंगी, तब तक उन्हें मृत नहीं मानेंगी। अब शनिवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेगी की यूनिट ने उनके परिवार को उनका शव मिलने की सूचना दी। नेगी के चाचा रघुवीर सिंह नेगी ने बताया कि सर्च ऑपरेशन के दौरान भारी बर्फ में नेगी का शव मिला।
दो-तीन दिन में परिवार के पास पहुंचेगा शव
रघुवीर ने कहा, "उन्होंने (नेगी की यूनिट) बताया कि नेगी के शव को श्रीनगर के सैन्य अस्पताल ले जाया गया है, जहां डॉक्टर शव को हमें देने से पहले कुछ अनिवार्य मेडिकल प्रक्रियाएं पूरी कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि पहले सैन्य प्रशासन ने उनसे कहा था कि नेगी का शव रविवार शाम तक देहरादून पहुंच जाएगा, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि इसमें दो से तीन दिन लग सकते हैं।
इसलिए हो रही शव आने में देरी
रघुवीर ने बताया, "उन्होंने कहा कि इतने समय तक शव बर्फ में रहा है और अगर इसे अचानक बाहर लाया जाता है तो ये खराब हो सकता है। इसलिए डॉक्टर कुछ मेडिकल प्रक्रिया करेंगे जिसके बाद 19 अगस्त को शव हमारे पास पहुंचेगा।"
चमोली के रहने वाले थे नेगी
बता दें कि नेगी देहरादून से 147 किलोमीटर दूर चमोली जिले के रहने वाले थे और 2001 में सेना से जुड़े थे। उनके परिवार में उनके पीछे उनकी पत्नी और तीन बच्चे रह गए हैं। नेगी तीन साल पहले ही चमोली स्थित अपने गांव से अपने परिवार के साथ देहरादून शिफ्ट हुए थे, वहीं उनके माता-पिता अभी भी चमोली में गांव में रहते हैं। वे सोमवार को देहरादून स्थित नेगी के घर पहुंचेगे।