भारत सहित छह देशों में पिछले साल सबसे अधिक शिशुओं को नहीं लगा खसरे का टीका
कोरोना महामारी ने दुनिभयार में अन्य बीमारियों के टीकाकरण अभियान को प्रभावित किया है। यही कारण है कि भारत सहित छह देशों में साल 2019 में सबसे अधिक 9.5 मिलियन (95 लाख) शिशुओ को खसरे का टीका नहीं लगाया जा सका है। चौंकाने वाली बात यह है कि खसरे के टीके से वंचित रहने वाले शिशुओं की यह संख्या पिछले 23 सालों में सबसे अधिक है। ऐसे में आने वाले समय में इन देशों को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
नाइजीरिया में सबसे अधिक शिशु खसरे की पहली खुराक से रहे वंचित
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार 'दुनिया भर में क्षेत्रीय खसरा उन्मूलन की ओर प्रगति 2000-2019' शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 में नाइजीरिया में सबसे अधिक 33 लाख शिशुओं को खसरे की पहली खुराक नहीं मिली है। इसके अलावा इथोपिया में 15 लाख, कांगो और पाकिस्तान में 14-14 लाख, भारत में 12 लाख और फिलीपिंस में सा लाख शिशुओं को खसरे की पहली खुराक नहीं मिली है। यह बड़ी चिंता का विषय है।
खसरे से वंचित रहने वाले शिशुओं की संख्या में हुआ इजाफा
रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में साल 2019 में खसरे के टीके से वंचित रहने वाले शिशुओं की संख्या में 8,69,770 का इजाफा हुआ है। यह 1996 के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) क्षेत्रों में बढ़ी सबसे अधिक संख्या है। इसी तरह खसरे के कारण होने वाली मौतों में भी 1996 की तुलना में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में पिछले साल खसरे के कारण कुल 2,07,500 शिशुओं की मौत हुई है।
शिशुओं को खसरे से बचाने में नाकाम हो रहे हैं देश- WHO
WHO के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने मामले को लेकर कहा, "हम जानते हैं कि खसरा के प्रकोप और मौतों को कैसे रोका जाए, लेकिन रिपोर्ट के आंकड़ों से साबित हो रहा है कि हम दुनिया के सभी क्षेत्रों में बच्चों को खसरे से बचाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।" उन्होंने कहा, "हमें सामूहिक रूप से देशों को समर्थन देने और समुदायों को हर जगह पहुंचाने के लिए काम करना चाहिए। जिससे खसरे के प्रसार को रोका जा सके।"
खससे से बचाव के लिए आवश्यक है टीकाकरण की 95 प्रतिशत दर
रिपोर्ट के अनुसार, खसरे को नियंत्रित करने और मौतों को रोकने के लिए आवश्यक MCV1 और MCV2 दोनों टीकों के टीकाकरण की दर 95 प्रतिशत पर पहुंचनी चाहिए। यही दर राज्यों में भी होनी चाहिए। वर्तमान में दुनियाभर में खसरे की पहली खुराक MCV1 की टीकाकरण दर 84-85 प्रतिशत पर स्थिर है और दूसरी खुराक MCV2 के टीकाकरण की दर अभी भी 71 प्रतिशत पर अटकी हुई है। ऐसे में दोनों को बढ़ाए जाने की जरूरत है।
नए डाटा को मानना चाहिए चेतावनी- बर्कले
वैक्सीन अलायंस गावी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सेठ बर्कले ने कहा कि टीकाकरण के मौजूदा डाटा को चेतावनी के रूप में माना जाना चाहिए। दुनिया में शक्तिशाली और प्रभावी वैक्सीन मौजूद होने के बाद खसरे को पूरी तरह से नियंत्रित किया जाना चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि इससे किसी की मौत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण टीकाकरण में गिरावट आई है। इससे दुनिया में अब खसरे का भी प्रकोप बढ़ गया है।