
दलाई लामा के उत्तराधिकारी मामले पर केंद्र का जवाब, कहा- धार्मिक प्रथाओं पर कोई रुख नहीं
क्या है खबर?
तिब्बती बौद्ध आध्यात्मिक प्रमुख और 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो के उत्तराधिकारी मामले को लेकर भारत ने अपना रुख स्पष्ट किया है। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारत सरकार आस्था, धर्म की मान्यताओं और प्रथाओं से संबंधित मामलों पर कोई रुख नहीं अपनाती है और न ही बोलती है। मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने हमेशा भारत में सभी के लिए धर्म की स्वतंत्रता को बरकरार रखा है और ऐसा जारी रखेगी।
चीन
चीन ने चेताया था
भारत के बयान से पहले चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भारत को 14वें दलाई लामा की चीन विरोधी अलगाववादी प्रकृति से स्पष्ट होना चाहिए और शिजांग से संबंधित मुद्दों पर अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने भारत को शब्दों-कार्यों में सावधानी बरतने, शिजांग संबंधित मुद्दों पर चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बंद करने और चीन-भारत संबंधों के सुधार और विकास पर प्रभाव डालने से बचने को कहा था।
विवाद
किरेन रिजिजू के बयान से बढ़ा विवाद
दरअसल, रविवार 6 जुलाई को धर्मशाला में दलाई लामा के 90वें जन्मदिन समारोह है, जिसमें केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और राजीव रंजन सिंह भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे। इससे पहले बौद्ध धर्म को मानने वाले रिजिजू ने कहा कि परम पावन दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर निर्णय लेने का अधिकार किसी को नहीं है, यह कार्य दलाई लामा, उनकी स्थापित संस्था और तिब्बती बौद्धों के नेता द्वारा ही लिया जाएगा, उनके अनुयायी इस बात पर गहराई से विश्वास करते हैं।