USAID फंडिंग मामले पर भारत सरकार बोली- ये बेहद परेशान करने वाला, एजेंसियां जांच कर रहीं
क्या है खबर?
भारत में मतदान बढ़ाने के लिए USAID द्वारा की गई 182 करोड़ रुपये की कथित फंडिंग को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है।
अब इस मामले पर भारत सरकार का भी बयान आया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मामले को 'बेहद परेशान करने वाला' बताया और आश्वासन दिया कि मामले की संबंधित अधिकारियों द्वारा जांच की जाएगी।
जायसवाल ने ज्यादा जानकारी देते बगैर कहा कि सरकार इस मामले पर सक्रियता से विचार कर रही है।
मंत्रालय
प्रकरण ने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की चिंता पैदा की- विदेश मंत्रालय
जायसवाल ने कहा, "हमने अमेरिका के प्रशासन द्वारा कुछ गतिविधियों और वित्तपोषण के बारे में दी गई जानकारी देखी है। ये स्पष्ट रूप से बहुत ही परेशान करने वाली हैं। इससे भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की चिंता पैदा हुई है। संबंधित विभाग और एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। इस समय कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं और उम्मीद है कि हम बाद में इस पर कोई जानकारी दे सकेंगे।"
जांच
पहले भी आई थी जांच कराए जाने की खबर
इससे पहले भी एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत सरकार मामले की जांच कर रही है।
न्यूज18 ने सूत्रों के हवाले से कहा था कि मामले पर भारत और अमेरिका ने एक सूची का आदान-प्रदान किया है, जिसमें NGO, प्रभावशाली लोगों, पत्रकारों, विद्वानों और थिंक टैंकों के नाम शामिल हैं।
दोनों देशों की सरकारें सूची का अध्ययन कर रही हैं और जल्द ही लेन-देन के विवरण पर कार्रवाई करेंगी।
मामला
क्या है पूरा विवाद?
एलन मस्क के नेतृत्व वाले अमेरिका के सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने कई देशों को दी जाने वाली फंडिंग पर रोक लगाई थी।
इसमें भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 182 करोड़ रुपये की फंडिंग भी शामिल थी।
इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, "हमें भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर देने की क्या जरूरत है? मुझे लगता है कि वे (बाइडन प्रशासन) किसी और को जिताने की कोशिश कर रहे थे।"
राजनीति
मामले पर राजनीति भी तेज
मामले पर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, 'एक सप्ताह से झूठी कहानी फैलाई जा रही है कि प्रधानमंत्री को अस्थिर करने के लिए 21 मिलियन डॉलर की अमेरिकी सहायता ली गई थी। अगर 21 मिलियन डॉलर देश में आ सकते हैं तो यह भाजपा के चेहरे पर तमाचा है।'
वहीं, भाजपा ने राहुल गांधी को 'देशद्रोही' करार देते हुए उन पर विदेशी ताकतों के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया है।